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जानें, करगिल के कैप्टन सौरभ कालिया से लेकर अब तक पाकिस्तान ने कब-कब दिखाया है बर्बर चेहरा

यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने बर्बरता दिखाया है। पाकिस्तान ने पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में भी भारतीय जवानों के शवों को क्षत-विक्षत कर दिया था।

Updated on: 01 May 2017, 05:34 PM

highlights

  • पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कृष्णा घाटी में दो जवानों के शवों के साथ किया बर्बरता
  • पाकिस्तान ने पिछले साल 2 बार भारतीय जवानों के शवों को किया था क्षत-विपक्ष

नई दिल्ली:

पाकिस्तान ने एक बार फिर कायराना हरकत करते हुए बर्बरता का हद पार की है। जम्मू-कश्मीर के कृष्णा घाटी सेक्टर में पाकिस्तान आर्मी ने दो भारतीय जवानों के शव को क्षत-विक्षत कर दिया।

इससे पहले सोमवार सुबह पाक आर्मी ने सीजफायर का उल्लंघन किया था जिसमें दो जवान शहीद हो गये थे। शहीद जवानों के शव के साथ पाकिस्तान ने बर्बरता की है। 

माना जा रहा है कि इस बर्बरता में पाकिस्तान की बॉर्डर ऐक्शन टीम (बीएटी) का हाथ है। इस बीएटी में आतंकवादी और पाकिस्तानी सेना के जवान शामिल हैं।  

यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने बर्बरता दिखाया है। पाकिस्तान ने पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में भी भारतीय जवानों के शवों को क्षत-विक्षत कर दिया था।

नवंबर 2016: 22 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले माछिल सेक्टर में जवानों के शव के साथ बर्बरता की गई थी। भारतीय सेना ने इसे पाकिस्तानी सेना की बॉर्डर ऐक्शन टीम की हरकत बताया था।

उत्तरी कमान ने कहा था कि माछिल में नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी में तीन जवान शहीद हो गए। एक जवान के शव को क्षत-विक्षत कर दिया गया।

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अक्टूबर 2016: 28 अक्टूबर को आतंकवादी भारतीय सेना के एक शहीद जवान के शव को क्षत-विक्षत करने के बाद पाकिस्तानी सैनिकों की कवर फायरिंग की आड़ में पाकिस्तान की तरफ भाग निकले थे।

हमले की प्रतिक्रिया में भारतीय सेना ने जम्मू एवं कश्मीर के केरन सेक्टर में भारी हमला कर पाकिस्तान की चार चौकियों को तबाह कर दिया था।

जनवरी 2013: पाकिस्तान आर्मी ने जम्मू-कश्मीर के मेंढर सेक्टर में फायरिंग कर एक जवान के साथ बर्बरता की। इस फायरिं में एक भारतीय जवान शहीद भी हुए थे।

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जुलाई 2011: 30 जुलाई को राजपूत और कुमाऊं रेजिमेंट के सैनिकों पर हमला किया गया था। हमले के बाद हवलदार जैपाल सिंह अधिकारी और लांस नायक देवेंद्र सिंह का सिर पाकिस्तानी अपने साथ ले गए थे।

जून 2008: जम्मू-कश्मीर के केल सेक्टर में पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) ने गोरखा रायफल के एक जवान को पकड़ लिया और उसके साथ बर्बरता की। जवान का शव कई दिनों बाद क्षत-विक्षत हालात में मिला था।

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फरवरी 2000: अल-कायदा के आतंकी पाकिस्तानी आर्मी की मदद से नौशेरा सेक्टर में भारतीय जवान भाऊसाहेब मारुतितालेकर का सिर काटकर ले गए थे।

जून 1999: करगिल युद्ध के दौरान कैप्टन सौरभ कालिया के साथ पाकिस्तान ने बर्बरता की थी। बाद में पाकिस्तान ने क्षत- विक्षत शव भारत को सौंपा था।

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