मुम्बई के चर्चित प्रीति राठी तेजाब कांड में आरोपी अंकुर पंवार को आज कोर्ट ने केस को रेयर ऑफ द रेयरेस्ट मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है। साल 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए सरकार, एसिड बेचनवाले दुकानदार और एसिड अटैक पीड़ितों के लिए निर्देश और गाइडलाइन जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट के दिए निर्देश के मुताबिक तेजाब केवल उन्हीं दुकानों पर बिक सकता है जिनको इसके लिए पंजीकृत किया गया है ।
यह ज्वलनशील केमिकल 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों द्वारा नहीं बेचा जाएगा। जो भी तेजाब खरीद रहा है दुकानदार के पास उस ग्राहक के घर का पता, टेलीफोन नंबर और क्यों खरीद रहा है इसका पूरा लेखा जोखा होना चाहिए। एसिड बेचने वाले दुकानदार के पास कितना स्टॉक है इसकी जानकारी जिला प्रशासन को देनी होगी।
अगर किसी दुकानदार ने इन नियमों की अनदेखी की तो पकड़ने जाने पर उसपर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया जाएगा ।सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेश के मुताबिक एसिड अटैक पीड़ित को सर्टिफिकेट भी मिलेगा जिससे भविष्य में उसे सारी सुविधाएं मिल सकें। ये सर्टिफिकेट पीड़ित की प्रथामिक चिकित्सा करने वाला अस्पताल जारी करेगा..
पीड़ितों को मिलेंगी कौन-कौन सी सुविधाएं
कोई भी अस्पताल तेजाब हमले के पीड़ित के इलाज से मना नहीं कर सकता।
सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों को तेजाब हमले के शिकार को फौरन कम से कम तीन लाख रुपये की मदद मुहैया करानी होगी.
पीड़ित को मुफ्त इलाज मुहैया कराना भी सरकार की ही जिम्मेदारी है. मुफ्त इलाज का मतलब पीड़ित के अस्पताल के अलग कमरे, खाने और दवाइयों के साथ-साथ सर्जरी का भी खर्च सरकार ही करेगी।
राज्य में तेजाब की खुली बिक्री पर रोक लगाएगी राज्य सरकार
देश में लगातार बढ़े रहे हैं एसिड अटैक
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानि की एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक देश में एसिड अटैक के मामले में सिर्फ बीते साल 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल कुल 222 एसिड अटैक के मामले सामने आए जिसमें सबसे ज्यादा 55 उत्तर प्रदेश से हैं। तेजाब हमले के मामले में देश की राजधानी दिल्ली तीसरे नंबर पर है। यहां 21 मामले एसिड अटैक के सामने आए हैं
एसिड अटैक में कितनी सजा
एसिड अटैक में आईपीसी की विभिन्ना धाराओं के मुताबिक कम से कम 10 साल की सजा और अधिकतम आजीवन कारावास और आर्थिक दंड है।
Source : कुणाल कौशल