श्रीनगर शहर में 24 वर्षीय महिला पर तेजाब हमले के खिलाफ व्यापक विरोध गुरुवार को भी जारी रहा क्योंकि रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़िता की आंखों की रोशनी वापस पाने की संभावना नहीं है।
पीड़िता पुराने शहर श्रीनगर के एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है। उसके पिता एक दर्जी हैं और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए उसने कुछ साल पहले एक ब्यूटी पार्लर में काम करना शुरू किया था।
परिवार ने कहा है कि वे उसके विकृत चेहरे को ठीक करने के लिए आवश्यक प्लास्टिक सर्जरी के लिए आवश्यक बड़े खर्च को वहन नहीं कर सकते।
पुलिस ने आनन-फानन में आरोपी व उसके दो साथियों को गिरफ्तार कर लिया है। कथित तौर पर उसके सगाई के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद वह पीड़िता का पीछा कर रहा था।
विवाह योग्य उम्र की लड़कियों के पिता हैरान हैं।
पीड़िता के घर से कुछ दूरी पर रहने वाली तीन बेटियों के पिता ने कहा कि अगर हमारे समाज में ऐसे अपराधी खुलेआम घूमते हैं तो हमारी बेटियों के लिए सामान्य जीवन जीना असंभव हो सकता है।
महिला पर एसिड अटैक हर स्थानीय के लिए आंखें खोलने वाला है। जहां शुक्रवार को मस्जिदों में भीड़ होती है और धार्मिक उपदेशकों की भीड़ होती है, वहां मानवता के खिलाफ इस तरह के जघन्य अपराध कैसे किए जा सकते हैं? स्थानीय धार्मिक और राजनीतिक नेताओं दोनों को इस पर विचार करने की जरूरत है।
1 फरवरी, 2022 की एसिड अटैक की घटना, पिछले 4 महीनों के दौरान जम्मू-कश्मीर में हुआ तीसरा ऐसा हमला है।
पिछले साल अक्टूबर में जम्मू संभाग के पुंछ कस्बे में बस स्टैंड के पास दो युवकों पर तेजाब से हमला किया गया था। इसी महीने दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में एक लड़की पर तेजाब से हमला किया गया था।
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Source : IANS