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एमजे अकबर (फाइल फोटो)
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एमजे अकबर (फाइल फोटो)
मी टू अभियान के तहत फिल्मी हस्तियों के बाद केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर पर भी यौन शोषण के आरोप लगने के बाद मोदी सरकार सकते हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं क्या एम जे अकबर इन आरोपों के बाद अपने पद से इस्तीफा देंगे? ऐसा इसलिए संभव हो सकता है क्योंकि सूत्रों के मुताबिक एमजे अकबर पर लगे यौन शोषण के आरोपों की चर्चा केंद्रीय कैबिनट में भी हुई और उन्हें इस्तीफा देने के लिए कुछ समय दिया जा सकता है. एमजे अकबर पर यौन शोषण के ये आरोप संपादक रहते हुए लगाए गए हैं.
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम.जे.अकबर पर दो महिला पत्रकारों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. पत्रकार प्रिया रमानी द्वारा विदेश राज्य मंत्री एम.जे.अकबर पर आरोप लगाने के एक दिन बाद, उनकी पूर्व सहयोगी प्रेरणा सिंह बिंद्रा ने भी उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं.
एमजे अकबर पर आरोप के बाद बैकफुट पर सरकार
एमजे अकबर पर ऐसा आरोप लगने के बाद 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' का नारा देने वाली एनडीए सरकार बैकफुट पर है और कांग्रेस, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी से लेकर तमामू दसरी पार्टियां अकबर के इस्तीफे की मांग कर चुकी है. इस मामले में जब आज पत्रकारों ने केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से सवाल पूछा तो उन्होंने इसे टाल दिया. वहीं जब इस पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से पूछा गया तो उन्होंने भी इसपर चुप्पी साध ली. अभी एमजे अकबर महात्मा गांधी की जन्म जयंती से जुड़े एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए नाइजीरिया दौरे पर हैं.
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सरकार क्यों ले सकती है एमजे अकबर से इस्तीफा
साल 2014 में एनडीए सरकार बनने के बाद से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं अभियान चल रहे है और इसके तहत केंद्र सरकार कई कार्यक्रम भी संचालित कर रही है. अब लगभग 6 महीने बाद लोकसभा चुनाव होने हैं ऐसे में केंद्र सरकार यह कतई नहीं चाहती है कि लोगों में यह संदेश जाए कि एक तरफ सरकार बेटी बचाने की बात करती है वहीं दूसरी तरफ सरकार के मंत्री पर यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप हैं. उन्हें इसलिए भी इस्तीफा देना पड़ सकता है क्योंकि केंद्र सरकार नहीं चाहती कि विपक्ष को बेटियों की सुरक्षा से लेकर इसे मुद्दा बनाने का मौका मिल जाए. इससे पहले भी यूपी के मंत्री पर एक महिला से बलात्कार के आरोप लग चुके है जिस मामले में उन्हें जेल भी जाना पड़ा था और सीबीआई अभी मामले की जांच कर रही है.
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बीजेपी सांसद ने मी टू कैंपेन पर उठाए हैं सवाल
वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के सांसद उदित राज ने इस अभियान को लेकर सवाल उठाए और कहा कि क्यों महिलाएं 10 साल बाद अपनी कहानियों को लेकर सामने आ रहीं हैं उन्होंने साथ ही कहा कि यह 'एक गलत चलन की शुरुआत है.' उन्होंने कहा कि यह नहीं भूलना चाहिए कि जिस पर आरोप लगाया जा रहा है, उसकी सार्वजनिक छवि धूमिल हो सकती है. बाद में अकबर पर लगे आरोप के बारे में पूछे जाने पर उदित राज ने यही दोहराया कि अगर आरोप झूठे हुए तो जिस पर आरोप लग रहा है उसकी प्रतिष्ठा का क्या होगा.
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कैसे हुई मी टू कैंपेन की शुरूआत
बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता के अभिनेता नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद भारत में भी मी टू #MeToo अभियान की बाढ़ सी आ गई है. फिल्म जगत से होते हुए यह अभियान पत्रकारिता और राजनीतिक क्षेत्र में भी महिलाओं को खुलकर बोलने का साहस दे रहा है. भारत में सोशल मीडिया पर मी टू अभियान शुरू होने के बाद महिलाएं और छात्राएं अपने खिलाफ हुए यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और उससे जुड़ी अन्य घटनाओं पर खुल कर बोल रही है. इसके तहत अब कई ऐसे शख्सियत के नाम सामने आए जिनकी आम जनमानस में अच्छी 'छवि' मानी जाती है. पिछले साल हॉलीवुड से शुरू हुआ अभियान भारत में आग की तरह फैल गया है. अमेरिकी अभिनेत्री ऐलिसा मिलानो ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ #MeToo का इस्तेमाल किया था, जिसके बाद यह शब्द दुनिया भर में चर्चित हो गया.
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भारत में इन बड़ी हस्सियों पर यौन शोषण के आरोप
देश में अभिनेता नाना पाटेकर, आलोक नाथ, निर्देशक विकास बहल, गायक कैलाश खेर, कॉमेडियन उत्सव चक्रवर्ती, उपान्यासकार चेतन भगत, पत्रकार प्रशांत झा, गौतम अधिकारी से लेकर केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर पर लड़कियों के यौन उत्पीड़न के आरोप हैं. इन नामों के अलावा भारत में रोजाना कई नाम जुड़ते जा रहे हैं. अभी तक इस सूची में गायक अभिजीत भट्टाचार्य, गीतकार और कॉमेडियन वरुण ग्रोवर, अभिनेता रजत कपूर, तमिल सॉन्ग राइटर वैरमुत्थु, मलयालम अभिनेता मुकेश माधवन, गणेश आचार्य, राकेश सारंग पर भी यौन उत्पीड़न या छेड़छाड़ के आरोप लगे. इनमें से कई लोगों ने बयान जारी कर इन आरोपों का खंडन भी किया और सफाई दी.
Source : News Nation Bureau