कठुआ और उन्नाव गैंगरेप पर नाराजगी जाहिर करते हुए देश-विदेश के 600 से ज्यादा शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी है।
इस चिट्ठी में पीएम पर देश में बने गंभीर माहौल पर भी चुप्पी साधने का आरोप लगाया गया है। चिट्ठी में इन मामलों के आरोपियों को बचाने की कोशिशों की भी निंदा की गई है।
यह पत्र ऐसे वक्त सामने आया है जब पूरे देश में गैंगरेप जैसे अपराधों को लेकर आक्रोश की स्थिति है।
इस चिट्ठी में लिखा है, 'हमने देखा कि देश में बने गंभीर हालत पर और सत्तारूढ़ों के हिंसा से जुड़ाव के निर्विवाद संबंधों को लेकर आपने (पीएम मोदी ने) लंबी चुप्पी साध रखी है।'
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इससे पहले देश के 49 रिटायर नौकरशाहों ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी थी।
इस चिट्ठी में भी सरकार को सुरक्षा मुहैया कराने के मामले में कठघरे में खड़ा किया गया था। इस चिट्ठी में नौकरशाहों ने जिक्र किया था कि कठुआ और उन्नाव की दर्दनाक घटनाएं दिखाती हैं कि सरकार अपनी बहुत ही मूल जिम्मेदारियों को पूरा करने में नाकाम रही है।
नौकरशाहों ने जिक्र किया कि यह बहुत ही काला दौर है। इसके बावजूद सरकार और राजनीतिक दल इससे निपटने के लिए जो कोशिश कर रहे हैं वह बहुत ही कमजोर है।
लोगों में पनप रहे आक्रोश को ध्यान में रखते हुए शुक्रवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 12 साल और उससे कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के मामले में दोषी पाए जाने पर मृत्युदंड सहित कड़े दंड के प्रावधान वाले आध्यादेश को मंजूरी दी है।
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Source : News Nation Bureau