गर्मी से बचने के लिए किसानों का लग्जरी इंतजाम, टेंटों में लगे कूलर से लेकर एसी और फ्रिज तक
किसान आंदोलन (Farmers Protest) : किसानों ने फिर से दिल्ली कूच करने की रणनीति बनाई है. इसके साथ ही गर्मी की तपिश से बचने के लिए भी व्यवस्था की जा रही है.
highlights
- गर्मी से बचने के लिए किसानों का लग्जरी इंतजाम
- टेंटों में लगे पंखे, कूलर से लेकर एसी और फ्रिज तक
- तीन महीने से ज्यादा वक्त से जारी है किसान आंदोलन
नई दिल्ली:
किसान आंदोलन (Farmers Protest) : कृषि कानून के खिलाफ तीन महीने से अधिक किसानों को प्रदर्शन करते हुए हो चुके हैं, ऐसे में बीते 27 जनवरी के दिन गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों की संख्या जितनी थी, उससे भी कम मौजूदा वक्त में नजर आ रही है. यानी किसानों की संख्या में बीते महीने भर में काफी गिरावट देखी जा रही है. हालांकि इस बीच आंदोलन को धार देने के लिए किसानों ने तैयारी शुरू कर दी है. किसानों ने फिर से दिल्ली कूच करने की रणनीति बनाई है. इसके साथ ही गर्मी की तपिश से बचने के लिए भी व्यवस्था की जा रही है. टेंट के अलावा बॉर्डर पर कूलर की व्यवस्था भी कर ली गई है, साथ ही टेंटों में पंखे लगाने की व्यवस्था की जा रही है. ताकि किसानों के आंदोलन में कोई रुकावट न आए.
टिकरी बॉर्डर पर किसानों को 100 दिन पूरे होने वाले हैं और जिस तरह से गर्मी बढ़ रही है, उसको देखते हुए पूरे लग्जरी इंतजाम किए जा रहे हैं. पहले सर्दियों की ठिठुरती रात तो अब दोपहर में होने वाली गर्मी की तपिश से, किसानों के सामने जब ये समस्या सामने आने लगी तो किसानों ने अपने मंच के आगे छांव की व्यवस्था कर ली है. गर्मी में ट्रैक्टर ट्रॉली ज्यादा तपते हैं, इसलिए तपिश से बचने के लिए पूरी रोड पर बांस के जरिए छप्पर बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा किसानों के ठहरने के लिए भी छप्पर डाले जा रहे हैं, जिनमें पंखे, कूलर, फ्रिज और डीटीएच के जरिए टीवी के इंतजाम भी हैं.
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने गर्मियों का मौसम आते देख आंदोलनकारियों के लिए क्रॉस वेंटिलेशन वाले टेंट तैयार किए हैं, ताकि हवा आसानी से आरपार हो सके और किसानों को रात में सोते समय गर्मी न सताए. गर्मियों में जमीन की तपिश से बचने के लिए गांव में इस्तेमाल में होने वाले छप्पर तैयार किए जा रहे हैं, वहीं नीचे बिछाने के लिए देसी चटाई का इस्तेमाल किया जा रहा है. टेंटों को ऊंचा कर नीचे एक पारदर्शी जाली लगाई जा रही है, जो मच्छरों से बचाएगी और क्रॉस वेंटिलेशन का काम भी करेगी. गर्मियों के मौसम को देखते हुए इस बार किसानों ने ट्रोलियों में भी पंखे लगाए हैं. इतना ही नहीं, किसानों ने जगह जगह समरसीवल भी लगा लिए हैं.
गौरतलब है कि तीनों कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर पिछले साल 26 नवंबर से किसान दिल्ली की अलग अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. बड़ी संख्या में किसान यहां इकट्ठा हैं. सरकार और किसान संगठनों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है. दूसरी ओर फिर से बातचीत शुरू हो इसके लिए किसान और सरकार दोनों तैयार हैं, लेकिन अभी तक बातचीत की टेबल पर नहीं आ पाए हैं.
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