उत्तराखंड में बाघों के ताजा आंकड़े जारी होने से ठीक पहले वन विभाग की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। दरअसल कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में संदिग्ध परिस्थितियों में लगातार बाघों की मौत का मामला सामने आ रहा है। बीते दिन तक कुमाऊं रीजन के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अब तक 13 बाघों की संदिग्ध तरीके से मौत हो चुकी है।
बताया जा रहा है कि पिछले दिनों कॉर्बेट नेशनल पार्क में एक बाघ कुछ शिकारियों के लगाए फंदे में फंसने से गंभीर रूप से घायल हो गया।
दूसरी ओर प्रदेश के वन मंत्री जिनके जिम्मे वन विभाग की पूरी बागडोर है, उनका इस मामले में बड़ा ही बेतुका बयान सामने आया है। उत्तराखंड में पिछले पांच महीनों में 13 बाघों की मौत हुई है। लगातार बाघों की मौत को लेकर जब वन मंत्री सुबोध उनियाल से पूछा गया तो उनका इस मामले पर कहना कुछ और ही था।
मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि मनुष्य जन्म लेता है तो उसकी मृत्यु भी होती है। इस मामले में जांच सौंप दी गई है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। वन मंत्री ने यह भी कहा कि उम्रदराज हुए बाघों की मौत प्राकृतिक है। लेकिन जहां तक सक्रिय शिकारियों द्वारा इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने की बात आई है, उसमें कई लोग पकड़े भी गए हैं। वन विभाग की स्पेशल मॉनिटरिंग टीमें गंभीरता से ड्रोन से मॉनिटरिंग कर बाघों को हर संभव तरीके से संरक्षण दे रही है।
गौरतलब है कि 2018 की गणना के अनुसार प्रदेश में बाघों की संख्या 442 थी, इस साल बाघों की मौत का पहला मामला जनवरी में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में आया। 2001 से 2023 तक राज्य में कुल 181 बाघों की मौत हो चुकी है जिनमें शिकार, दुर्घटनाएं, जंगल की आग, आपसी संघर्ष, जाल में फंस कर मौत के मामले शामिल हैं।
उत्तराखंड में पांच महीने में 13 बाघ-बाघिनों की मौत के मामले पर प्रदेश के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस मामले का निश्चित रूप से आंकलन किया जाएगा। अगर कोई दोषी पाया जाता है तो इसमें कार्रवाई जरूर होगी।
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Source : IANS