त्रिपुरा पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी, पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु और राज्यसभा सांसद डोला सेन सहित छह टीएमसी नेताओं के खिलाफ कथित तौर पर पुलिस अधिकारियों को उनकी ड्यूटी में बाधा डालने के आरोप में मामला दर्ज किया है।
त्रिपुरा के पुलिस महानिदेशक वी. एस. यादव ने बुधवार को कहा कि छह टीएमसी नेताओं के खिलाफ खोवाई पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारियों के साथ रविवार को आधिकारिक कर्तव्यों में बाधा डालने और दुर्व्यवहार करने के लिए मंगलवार को एक स्वत: संज्ञान शिकायत दर्ज की गई थी।
पुलिस प्रमुख ने आईएएनएस से कहा, पुलिस अभी मामले की जांच करेगी और जरूरत पड़ने पर उन्हें तलब किया जाएगा।
खोवाई जिले के एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि टीएमसी नेताओं पर भारतीय दंड संहिता की धारा 186 (लोक सेवकों को उनके सार्वजनिक कार्य के निर्वहन में बाधा) और 36 (सामान्य इरादे) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
बनर्जी, बसु और सेन के अलावा, जिन तीन अन्य नेताओं के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है, उनमें टीएमसी के मुख्य प्रवक्ता कुणाल घोष, सुबल भौमिक और प्रकाश दास (पूर्व त्रिपुरा मंत्री) शामिल हैं।
पश्चिम बंगाल के पीडब्ल्यूडी और कानून मंत्री मोलोय घटक ने कहा कि टीएमसी त्रिपुरा में लोकतंत्र बहाल करने के लिए संघर्ष करेगी।
पिछले कुछ दिनों के दौरान अक्सर त्रिपुरा का दौरा करने वाले मंत्री ने बुधवार को अगरतला में मीडिया से कहा, भाजपा ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो) से इतनी डरी हुई है कि उन्होंने अभिषेक बनर्जी और पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा के अन्य टीएमसी नेताओं के खिलाफ झूठे आरोप दर्ज करना शुरू कर दिया है।
टीएमसी नेता और पूर्व विधायक सुबल भौमिक, जो पिछले महीने कई अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ टीएमसी में शामिल हुए थे, ने कहा कि रविवार को बनर्जी और बसु के नेतृत्व में, 14 टीएमसी नेताओं को कथित रूप से कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन के लिए गिरफ्तार किए जाने के बाद, वे खोवाई पुलिस स्टेशन गए थे।
भौमिक ने कहा, स्थानीय अदालत द्वारा 14 टीएमसी नेताओं को निजी मुचलके पर रिहा करने के बाद, हम अगरतला लौट आए। उस समय पुलिस ने हमारे खिलाफ किसी भी मुद्दे का उल्लेख नहीं किया और रविवार को उन्होंने हमारे खिलाफ स्वत: संज्ञान लिया।
टीएमसी महासचिव और मुख्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, भाजपा तृणमूल के खिलाफ हिंसा और झूठे मामले दर्ज करके सफल नहीं होगी।
घोष ने बांग्ला में ट्वीट किया, भाजपा बहुत डरी हुई है। वे बंटे हुए हैं। भाजपा को पहले अपने संगठन पर नियंत्रण करना चाहिए।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में तृणमूल कांग्रेस के नेता हाथ उठाकर खोवाई पुलिस थाने के अधिकारियों से पूछते दिख रहे हैं कि भाजपा कार्यकतार्ओं द्वारा हमला किए जाने के बाद टीएमसी के 14 नेताओं और सदस्यों को क्यों गिरफ्तार किया गया है।
इस बीच, पश्चिम बंगाल के विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी के उन आरोपों को खारिज कर दिया है, जिनमें कहा गया है कि खोवाई पुलिस कर्मियों द्वारा टीएमसी के 14 नेताओं और कार्यकतार्ओं को हिरासत में लेने पर उन्हें बुनियादी चिकित्सा सहायता और पानी से वंचित कर दिया गया था।
अधिकारी ने टीएमसी सुप्रीमो के उन आरोपों को निराधार बताया और इसका खंडन किया कि त्रिपुरा में उनकी पार्टी के नेताओं को एक गिलास पानी तक भी नसीब नहीं हुआ। उन्होंने इस बयान को ममता का झूठ करार दिया।
बता दें कि तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री पद छोड़ने के बाद बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ही अधिकारी भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी को हरा दिया था।
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Source : IANS