तमिलनाडु सरकार द्वारा नियंत्रित दुग्ध सहकारी आविन दूध खरीद मूल्य बढ़ाने जा रहा है। इसकी घोषणा सोमवार को की गई।
एक तरह से यह गुजरात के दुग्ध सहकारी अमूल से पैदा होने वाले खतरे के खिलाफ कदम है। अमूल तमिलनाडु के किसानों से दूध खरीदकर और आंध्र प्रदेश में तमिलनाडु सीमा के पास एक प्लांट स्थापित कर आक्रामक रूप से तमिलनाडु के बाजार में प्रवेश करने जा रहा है।
तमिलनाडु के डेयरी विकास मंत्री मनो थंगराज ने आईएएनएस को बताया कि आविन विक्रेताओं से दूध की खरीद के संबंध में पहले भी कुछ समस्याओं को ठीक करने के लिए कई उपाय किए गए थे।
उन्होंने कहा कि दूध उत्पादन की लागत को ध्यान में रखते हुए और उनके कल्याण की रक्षा के लिए किसानों को उचित मूल्य प्रदान करने के लिए उचित उपाय किए जाएंगे।
मंत्री ने कहा कि आविन प्रबंधन, कम्प्यूटरीकरण और स्वचालन, मशीनीकरण और सहकारी समितियों और पशुधन के कल्याण के रखरखाव में सुधार के उपाय किए जाएंगे।
आविन प्रबंधन को निर्देश दिया जा रहा है कि दुग्ध किसानों के ऋण को वर्तमान 90 दिनों से कम किया जाए। अमूल दूध की खरीद पर 10 दिनों के भीतर भुगतान का वादा कर रहा है।
गौरतलब है कि किसानों और सहकारी समितियों को दूध खरीद का पैसा क्रेडिट करने के लिए आविन वर्तमान में 90 दिनों का समय ले रहा है।
दुग्ध किसान संघ के नेताओं ने यह भी कहा कि आविन प्रबंधन को मुख्यमंत्री पर प्रभाव डालना चाहिए कि वे अमूल को तमिलनाडु में एक सहकारी के रूप में काम करने की अनुमति न दें।
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Source : IANS