पीएम नरेंद्र मोदी को Divider In Chief बताने वाले पत्रकार आतिश अली तासीर की मुश्किलें बढ़ीं
भारत सरकार (Modi Govt) ने तासीर का ओसीआई (ओवरसीज सिटीजनशीप ऑफ इंडिया) कार्ड रद्द कर दिया है. ब्रिटेन में जन्मे आतिश अली तासीर पर आरोप है कि उन्होंने पिता के पाकिस्तानी मूल के होने की जानकारी छुपाई थी.
नई दिल्ली:
टाइम मैग्जीन (Time Magine) में भारत के पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को Divider In Chief बताने वाले पत्रकार और लेखक आतिश अली तासीर (Aatish Ali Taseer) की मुश्किलें बढ़ गई हैं. भारत सरकार (Modi Govt) ने तासीर का ओसीआई (ओवरसीज सिटीजनशीप ऑफ इंडिया) कार्ड रद्द कर दिया है. ब्रिटेन में जन्मे आतिश अली तासीर पर आरोप है कि उन्होंने पिता के पाकिस्तानी मूल के होने की जानकारी छुपाई थी. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया, ओसीआई कार्ड किसी ऐसे व्यक्ति को जारी नहीं किया जाता है जिसके माता-पिता या दादा-दादी पाकिस्तानी हों और तासीर ने यह बात छुपाई थी. तासीर भारतीय पत्रकार तवलीन सिंह और पाकिस्तान के दिवंगत नेता सलमान तासीर के बेटे हैं.
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आतिश अली तासीर ने लोकसभा चुनाव से पहले टाइम मैगजीन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर आर्टिकल लिखा था, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी को 'डिवाइडर इन चीफ' कहा गया था. टाइम मैगजीन के उस अंक में दो आर्टिकल प्रकाशित हुए थे. कवर पेज पर आतिश तासीर की आर्टिकल थी, जिसका शीर्षक था - 'डिवाइडर इन चीफ' और दूसरा राजनीति विज्ञानी इयान ब्रेमर ने लिखा था. इयान ब्रेमर के आर्टिकल का शीर्षक था- 'मोदी द रिफॉर्मर'. ब्रेमर ने जहां अपने आर्टिकल में पीएम मोदी की आर्थिक नीतियों की तारीफ की थी और उन्हें भारत के लिए सर्वोत्तम उम्मीद बताया था तो आतिश तासीर ने मोदी को डिवाइडर इन चीफ यानी देश को बांटने वाला बताया था.
Thus, Aatish Ali Taseer becomes ineligible to hold an OCI card as per the Citizenship Act, 1955. He has clearly not complied with very basic requirements and hidden information.
— Spokesperson, Ministry of Home Affairs (@PIBHomeAffairs) November 7, 2019
हालांकि गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बात को नकार दिया कि आतिश तासीर का ओआईसी कार्ड रद्द करने के पीछे टाइम मैगजीन में प्रकाशित लेख है. गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि तासीर ने स्पष्ट रूप से बहुत बुनियादी जरूरतों को पूरा नहीं किया और जानकारी को छुपाया है. ओआईसी कार्ड रद्द करने को लेकर तासीर ने अपने ट्विटर पर लिखा, उन्हें जवाब देने के लिए 21 दिन नहीं, बल्कि 24 घंटे दिए गए थे.
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बता दें कि नागरिकता अधिनियम के अनुसार, धोखे से, फर्जीवाड़ा कर या तथ्य छुपा कर किसी व्यक्ति ने ओसीआई कार्ड हासिल कर लिया है तो कार्ड धारक के रूप में उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है और उसे ब्लैक लिस्ट किया जा सकता है. भविष्य में उस आदमी के भारत दौरे पर रोक भी लग जाएगी.
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