आरुषि-हेमराज हत्याकांड मामले में पूर्व ट्रायल जज श्याम लाल ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। उन्होंने याचिका दायर कर मांग की है कि उनके खिलाफ की गई इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणियों को फैसले से हटाया जाए।
मां और तलवार दंपत्ति को उम्रकैद की सजा सुनाने वाले सीबीआई जज के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विरोधाभाषी करार दिया था और तलवार दंपत्ति को सभी आरोपों से बरी कर दिया था।
इतना ही नहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलवार दम्पति को बरी करते हुए जज की कानूनी समझ पर सवाल भी उठाया था।
इस मामले पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि ऐसा लग रहा है जैसे इस मामले को एक पहेली की तरह सुलझाया गया है। जबकि किसी भी मामले पर फैसला करने में कानून में सबूत और गवाह अहम माने जाते हैं।
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि जज ने किसी 'गणित टीचर' और 'फिल्म डायरेक्टर 'जैसा व्यवहार किया। ऐसा लगता है कि ट्रायल जज अपनी कानूनी जिम्मेदारियों से अनभिज्ञ हैं।
हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए का था कि वर्तमान सबूतों और गवाहों के आधार पर राजेश तलवार और नूपुर तलवार को आरुषि हेमराज की हत्या के लिये दोषी नहीं माना जा सकता है।
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Source : News Nation Bureau