आप ने 24 साल पुराने कांग्रेस के गढ़ जालंधर को जीता
आप ने 24 साल पुराने कांग्रेस के गढ़ जालंधर को जीता
चंडीगढ़:
पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को जालंधर लोकसभा उपचुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस को 58,691 मतों के भारी अंतर से हराकर जीत हासिल की। कांग्रेस का जालंधर 24 साल से गढ़ था।कांग्रेस के बागी और आप उम्मीदवार सुशील रिंकू ने संतोख चौधरी की पत्नी करमजीत कौर को हराया है। चौधरी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मृत्यु हो गई थी, जिस कारण ये सीट खाली थी।
साल 1999 के बाद पहली बार इस सीट पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। पिछले पांच दशक में कांग्रेस सिर्फ चार बार इस सीट पर चुनाव हारी है।
यह राज्य आप इकाई के लोकसभा में फिर से प्रवेश का प्रतीक है। इससे पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान आप के पहले और इकलौते लोकसभा सांसद थे। उन्होंने 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में विधायक चुने जाने पर संसद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी पार्टी पिछले उपचुनावों में उनके द्वारा खाली की गई सीट को बरकरार नहीं रख सकी थी।
आप को 3,02,097 वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 2,43,450 वोट मिले। अकाली-बसपा गठबंधन 1,58,354 मतों के साथ तीसरे और भाजपा 1,34,706 मतों के साथ चौथे स्थान पर रही। जालंधर संसदीय आरक्षित सीट राज्य के दलित बहुल दोआबा क्षेत्र में आती है।
आप उम्मीदवार रिंकू को दलित समुदाय में अच्छा समर्थन प्राप्त है। इस निर्वाचन क्षेत्र में 42 फीसदी दलित आबादी है। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने हार स्वीकार करते हुए आम आदमी पार्टी और उसके उम्मीदवार सुशील रिंकू को बधाई दी।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि हम विनम्रतापूर्वक लोगों के जनादेश को स्वीकार करते हैं! मैं पार्टी कार्यकर्ताओं, स्वयंसेवकों, समर्थकों और पूरे अट द रेट आईएनसीपंजाब नेतृत्व को हैशटैग जालंधरउपचुनाव के लिए उनके द्वारा की गई कड़ी मेहनत और प्रयासों के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं सुशील रिंकू और आप पार्टी को जीत के लिए बधाई देता हूं।
सीएम केजरीवाल ने भगवंत मान सरकार के अच्छे काम की वजह से अभूतपूर्व जीत बताते हुए कहा, हम काम की राजनीति करते हैं और अपने काम के लिए लोगों से वोट मांगते हैं और लोगों ने भगवंत मान पर मुहर लगा दी है। सरकार का काम कह रहा है कि हम आपके साथ हैं, यह एक बड़ा संदेश है।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि यह परिणाम पंजाब में आप सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों का परिणाम है। केजरीवाल और मान ने जालंधर में बड़े पैमाने पर प्रचार किया, मतदाताओं से अपील की कि आप सरकार को बने हुए केवल एक साल हुआ है, और उन्हें 2024 में अगले लोकसभा चुनाव से पहले 11 महीने और दिए जाने चाहिए।
एक राजनीतिक पर्यवेक्षक का कहना है कि जालंधर उपचुनाव मुख्यमंत्री मान के लिए करो या मरो की लड़ाई थी। एक पर्यवेक्षक ने आईएएनएस से कहा, आप की जीत मान के प्रशासनिक और नेतृत्व गुणों पर मुहर लगाने के साथ-साथ एक चुनौती के रूप में राष्ट्रीय आख्यान का निर्माण करती है।
2022 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने जालंधर संसदीय सीट पर नौ में से पांच सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि आप ने शेष सीटों पर जीत हासिल की थी।
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