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पंजाब में AAP ने फिर किया क्लीन स्वीप, राज्यसभा की सभी 5 सीटों पर जमाया कब्जा

पंजाब में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) एक और इतिहास रच दिया है. विधानसभा के बाद अब आप पंजाब में राज्यभा की सभी 5 में से 5 सीटें जीतने जा रही है.

Updated on: 24 Mar 2022, 06:49 PM

highlights

  • राज्यसभा की सभी 5 सीटों पर आप उम्मीदवारों की जीत  तय
  • किसी भी पार्टी के उम्मीदवार ने नहीं भरा था पर्चा
  • 31 मार्च को आप के सांसदों की होगी आधिकारिक घोषणा

नई दिल्ली:

पंजाब में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) एक और इतिहास रच दिया है. विधानसभा (Punjab Assembly Election 2022) के बाद अब आप पंजाब में राज्यभा (Pujab Rajya Sabha Election) की सभी 5 में से 5 सीटें जीतने जा रही है. दरअसल, पंजाब में राज्यसभा की पांच सीटों के लिए गुरुवार को 3 बजे तक नामांकन वापिस लेने का समय थी. आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस चुनाव में क्रिकेटर हरभजन सिंह, दिल्ली की राजिंदर नगर विधानसभा से विधायक राघव चड्ढा, संदीप पाठक, संजीव अरोड़ा और अशोक मित्तल को प्रत्याशी बनाया था. लेकिन राज्यसभा के इन पांचों सीटों पर किसी और राजनीतिक दल ने प्रत्याशी नहीं उतारे थे. ऐसे में तकनीकी तौर पर AAP उम्मीदवार की निर्विरोध जीत तय मानी जा रही है.  हालांकि, राज्यसभा चुनाव की हार जीत की अधिकारिक घोषणा 31 मार्च को होगी.


गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में आम आदमी पार्टी ने 117 में से 92 सीटों पर जीत हासिल की थी. पंजाब में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की इस जीत के बाद अब राज्यसभा में आप के 8 सांसद हो जाएंगे. इनमें से दिल्ली से आम आदमी पार्टी के 3 सांसद पहले से ही हैं और अब 5 सांसद पंजाब के हो जाएंगे. आइए हम आपको बताते हैं एक-एक उम्मीदवार की पूरी जानकारी...

1- संदीप पाठक- 2022 में पंजाब चुनावों में पार्टी की शानदार जीत के लिए आम आदमी पार्टी के चाणक्य माने जाने वाले संदीप पाठक (Dr. Sandeep Pathak) IIT-दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर हैं, वे अरविंद केजरीवाल के भ्रष्टाचार मुक्त भारत के सपने को साकार करने के लिए पार्टी में शामिल हुए. पाठक ने अपनी पीएचडी. 2011 में यू.के. की कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से की थी. वह कई वर्षों से पर्दे के पीछे से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं. पंजाब में पार्टी का संगठन और कैडर निर्माण का काम उन्होंने ही किया है. राज्य में सटीक और वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने, उम्मीदवारों के चयन और पंजाब में पार्टी की शानदार जीत के लिए पूरी रणनीति तय करने के पीछे डॉ. पाठक ही थे. पंजाब के सफल प्रयोग के बाद अब पार्टी उन्हें दूसरे राज्यों में संगठन को मजबूत करने के लिए भी भेज सकती है.

2- राघव चड्ढा

आप संयोजक अरविंद केजरीवाल के भरोसेमंद सहयोगी राघव चड्ढा (Raghav Chaddha) को पार्टी के सबसे कम उम्र के प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने दिल्ली और पंजाब में पार्टी की ओर से दी गई महत्वपूर्ण अभियानों को अंजाम दिया. दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण जल सुधारों करने का श्रेय चड्ढा को ही जाता है. पंजाब में पार्टी की शानदार जीत के वास्तुकारों में से एक हैं. लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से स्नातक, चड्ढा ने 2012 में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की, उन्होंने उसे दिल्ली लोकपाल विधेयक के लिए प्रदर्शन के वक्त आंदोलन में शामिल होने का आग्रह किया. 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में चड्ढा ने राजेंद्र नगर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के उम्मीदवार के रूप में बड़ी जीत दर्ज की. चड्ढा को दिल्ली विधानसभा की शांति और सद्भाव समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था.

3- हरभजन  सिंह

वे भारत के सबसे सफल ऑफ-स्पिन गेंदबाज रहे हैं. वह 1998 और 2016 के बीच भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए खेल चुके हैं. सिंह इंडियन प्रीमियर लीग टीम मुंबई इंडियंस के भी कप्तान रह चुके हैं. इसके अलावा पंजाब राज्य के रणजी टीम के भी कप्तान रह चुके हैं. उनकी कप्तानी में 2012-13 रणजी ट्रॉफी और मुंबई ने 2011 चैंपियंस लीग ट्वेंटी-20 जीता था. अर्जुन और पद्म श्री से सम्मानित सिंह स्माइल ट्रेन फाउंडेशन और तेरा तेरा फाउंडेशन के माध्यम से समाज के वंचित वर्ग के बच्चों के उत्थान के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. उन्होंने  COVID-19 महामारी के कठिन वर्षों के दौरान भी लोगों की सेवा की थी. हरभजन सिंह को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने के साथ ही स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी ((Punjab Sports University) की कमान सौंपे जाने की बात भी सामने आ रही है. दरअसल, चुनाव प्रचार के दौरान ही पंजाब के सीएम भगवंत मान (Punjab Chief Minister Bhagwant Man) ने ऐलान कर दिया था कि उनके कार्यकाल में पंजाब में खेल को काफी बढ़ावा दिया जाएगा. इस बात पर भी जोर दिया गया था कि जालंधर में एक स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी का निर्माण कराया जाएगा. अब हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया गया है, ऐसे में कहा जा रहा है कि उन्हें ही स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की कमान भी दी जाती है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर ऐसा होता है तो पंजाब में खेलों को लेकर बड़ा संदेश जाएगा.


4- अशोक के. मित्तल

अशोक के. मित्तल (Ashok Kumar Mittal) एक प्रसिद्ध अकादमिक और प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के संस्थापक चांसलर हैं. एक विनम्र पृष्ठभूमि से आने वाले मित्तल ने एक कुशल ऑटोमोटिव उद्यमी बनने के लिए अपना काम किया. समाज और पंजाब राज्य की सेवा करने के के लिए उन्होंने एलपीयू की स्थापना की, जो आज भारत के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक है. इस विश्वविद्यालयों में 50 से अधिक देशों के छात्र पढ़ते हैं और दुनिया के शीर्ष विश्वविद्यालयों से मान्यता प्राप्त है. मित्तल के सक्षम नेतृत्व में एलपीयू को इनोवेशन अचीवमेंट्स (एआरआईआईए) पर संस्थानों की अटल रैंकिंग में भारत के सभी निजी विश्वविद्यालयों में तीसरा स्थान हासिल करने का गौरव हासिल है.

5- संजीव अरोड़ा

लुधियाना के एक सफल एक्सपोर्ट हाउस चलाने वाले संजीव अरोड़ा (Sanjeev Arora) एक कुशल व्यवसायी हैं. वह कृष्णा प्राण ब्रेस्ट कैंसर चैरिटेबल ट्रस्ट (Krishna Pran Breast Cancer charitable Trust) चलाते हैं. इस ट्रस्ट की स्थापना उन्होंने अपने माता-पिता के कैंसर के कारण जान गंवाने के बाद किया था. यह ट्रस्ट पिछले 15 वर्षों से पंजाब के लोगों की सेवा कर रहा है और 160 से अधिक कैंसर रोगियों का नि:शुल्क इलाज कर चुका है. संजीव अरोड़ा दयानंद मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, लुधियाना के गवर्निंग बोर्ड में भी हैं. इसके अलावा वह पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के एपेक्स काउंसिल के सदस्य भी हैं. अरोड़ा पंजाब के एक प्रमुख संस्थान सतलुज क्लब, लुधियाना के सचिव रह चुके हैं, जिन्होंने एम्बुलेंस, पीपीई किट और अन्य आवश्यक चीजों को दान करके लुधियाना जिला प्रशासन को पर्याप्त सहायता प्रदान की. संजीव अरोड़ा ने पिछले कुछ वर्षों में पंजाब के लोगों की सेवा के लिए कई सम्मान प्राप्त की है.