/newsnation/media/post_attachments/images/2023/03/27/raghav-chadha-72.jpg)
raghav chadha ( Photo Credit : फाइल पिक)
पिछड़ा समाज ( मोदी ) पर टिप्पणी को लेकर मानहानी मामले में राहुल गांधी की सांसदी जानने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. कांग्रेस ने जहां इसको लेकर देशभर में लोकतंत्र बचाव अभियान शुरू करने की बात कही है, वहीं विपक्षी दल भी कांग्रेस के साथ खड़े होते नजर आ रहे हैं. इस क्रम में आम आदमी पार्टी के युवा नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने सदन में नियम 267 के तहत सस्पेंशन आफ बिजनेस नोटिस दिया है.
विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने का प्रयास कर रही सरकार
आप सांसद राघव चड्ढा ने निलंबन पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत सस्पेंशन आफ बिजनेस नोटिस दाखिल किया है. राज्यसभा सभापति के नाम लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि देश भर में तुच्छ आपराधिक मामलों के माध्यम से राजनीतिक विरोधियों को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. इसके साथ ही विपक्षी नेताओं को निर्वाचित प्रतिनिधियों के रूप में अयोग्य ठहराने और विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. आप नेता ने कहा कि इसके लिए विपक्ष के प्रमुख सदस्यों को सलाखों के पीछे डालने के लिए सत्तारूढ़ व्यवस्था द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं.
सीएम केजरीवाल ने कोर्ट के फैसले से जताई असहमति
आपको बता दें कि इससे पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राहुल गांधी संसद सदस्यता जाने को लेकर मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि वो गुजरात की सूरत कोर्ट के आदेश से बिल्कुल भी सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों को शांत कराने के लिए सीबीआई और ईडी जैसी सरकारी एजेंसियों का सहारा ले रही है.
जानें क्या है मामला
आपको बता दें कि गुजरात की सूरत कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मानहानी के एक मामले में दो साल की सजा सुनाई है. यह सजा उनको 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक को कोलार में दिए उस भाषण को लिए सुनाई गई है, जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार पर चोट करते हुए कहा था कि सारे चोरों को सरनेम मोदी क्यों होते हैं.
Source : News Nation Bureau