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राहुल गांधी के सिख विरोधी दंगों वाले बयान पर राजनीतिक भूचाल, आप नेता ने दी बहस की चुनौती, समर्थन में उतरी कांग्रेस

फुल्का ने कहा, 'राहुल गांधी का वह बयान जिसमें उन्होंने सिख विरोधी दंगे के लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार नहीं माना है पूरी तरह ग़लत है।

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Deepak Kumar
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राहुल गांधी के सिख विरोधी दंगों वाले बयान पर राजनीतिक भूचाल, आप नेता ने दी बहस की चुनौती, समर्थन में उतरी कांग्रेस

कांग्रेस अध्यक्ष के बयान पर भूचाल, बचाव में उतरी कांग्रेस (पीटीआई)

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के 1984 के सिख विरोधी दंगों वाले बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में तूफान आ गया है। आम आदमी पार्टी के नेता एचएस फुल्का ने राहुल के बयान को ग़लत करार देते हुए खुली बहस की चुनौती दी है। फुल्का ने कहा, 'राहुल गांधी का वह बयान जिसमें उन्होंने सिख विरोधी दंगे के लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार नहीं माना है पूरी तरह ग़लत है। इसलिए मैंने उन्हें खुली चुनौती की बहस दी है जिसमें मैं कांग्रेस और उनके पिता की भूमिका साबित करूंगा। यह पूरा नरसंहार ही राजीव गांधी के निर्देश पर कांग्रेस द्वारा रचा गया था।'

वहीं अकाली दल की नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने उनकी पार्टी के नेता मंजीत सिंह जीके पर कैलिफोर्निया में हुए हमले को लेकर निशाना साधते हुए कहा, 'राहुल गांधी ने ब्रिटेन में कहा कि 1984 के सिख दंगों में कांग्रेस का कोई हाथ नहीं था और उसके कुछ ही घंटे बाद हमारे अध्यक्ष मंजीत सिंह पर हमला हुआ। आप राहुल गांधी और हमला करने वालों के बीच संबंध देख सकते हो।'

बता दें कि मनजीत सिंह जीके दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य हैं जिनपर शनिवार को कुछ अज्ञात हमलावरों ने हमला किया था।

वहीं बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने बयानों से सिखों के जख्मों पर नमक छिड़क रहे हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव आर पी सिंह ने कहा कि राहुल दंगे में अपनी पार्टी के कथित गुनाह को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि इंसाफ नहीं होने से सिख पहले से परेशान हैं और राहुल के इस तरह के बयान से माहौल खराब होगा और कुछ लोग हिंसा के उस कुचक्र में धकेले जा सकते हैं जैसा 1980 के दशक में दिखा था।

बीजेपी नेता ने कहा कि कांग्रेस नेता मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के तौर पर सिख विरोधी दंगों के लिए माफ़ी मांगी थी और तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खेद व्यक्त किया था। सिंह ने सवाल किया कि फिर उस वक्त प्रधानमंत्री की माफी और कांग्रेस अध्यक्ष का अफसोस किसलिए था।

हालांकि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का बचाव करते हुए कहा, 'सिख दंगे जैसी घटना के लिए राहुल को ज़िम्मेदार बताना जबकि वो उस वक़्त के हालात से पूरी तरह वाक़िफ भी नहीं है पूरी तरह से बेतुका है। कांग्रेस एक पार्टी के तौर पर कभी भी इसमें शामिल नहीं था।' उन्होंने कहा कि 1984 के दंगों के मुद्दे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर बादल का प्रहार अनुचित और फिजूल है।

अमरिंदर ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख को उनके इस बयान को लेकर फटकारा कि 1984 के दंगों के अपराध में राहुल 'भागीदार' थे। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन ब्लूस्टार के समय राहुल स्कूल में पढ़ते थे। उन्होंने कहा कि जिस वाकये के वक्त राहुल गांधी इन सब चीजों से अनजान थे, उसके लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराना बिल्कुल मूर्खतापूर्ण है। अमरिंदर ने कहा कि उन दंगों में जो कोई व्यक्तिगत तौर पर शामिल था, वह कानून से बंधा हुआ है।

उन्होंने कहा, "कुछ लोगों की करतूतों के लिए समूची पार्टी को जिम्मेदार ठहराना मूर्खतापूर्ण है और यह सुखबीर बादल की राजनीतिक अपरिपक्वता दर्शाता है।"

अमरिंदर सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के हालिया बयान को 1984 के दंगों पर उनके पहले के बयानों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए, जिसमें उन्होंने खुद कुछ कांग्रेसियों के नाम लिए थे।

अमरिंदर ने कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुस्त न्याय प्रणाली के कारण 1984 के दंगों के कई पीड़ितों को अभी भी न्याय नहीं मिला है।"

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सिख विरोधी दंगों के दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए: राहुल

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को 'बेहद दुखद त्रासदी' बताया और कहा कि वह किसी के भी खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा में शामिल लोगों को सजा देने का '100 फीसदी' समर्थन करते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षक द्वारा हत्या के बाद 1984 में हुए दंगों में करीब 3,000 सिख मारे गए थे। उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी।

ब्रिटेन की दो दिवसीय यात्रा पर आए गांधी ने ब्रिटेन के सांसदों और स्थानीय नेताओं की सभा में शुक्रवार को कहा कि यह घटना त्रासदी थी और बहुत दुखद अनुभव था लेकिन उन्होंने इससे असहमति जताई कि इसमें कांग्रेस 'शामिल' थी।

उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि किसी के भी खिलाफ कोई भी हिंसा गलत है। भारत में कानूनी प्रक्रिया चल रही है लेकिन जहां तक मैं मानता हूं उस समय कुछ भी गलत किया गया तो उसे सजा मिलनी चाहिए और मैं इसका 100 फीसदी समर्थन करता हूं।'

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उन्होंने कहा, 'मेरे मन में उसके बारे में कोई भ्रम नहीं है। यह एक त्रासदी थी, यह एक दुखद अनुभव था। आप कहते हैं कि उसमें कांग्रेस पार्टी शामिल थी, मैं इससे सहमति नहीं रखता। निश्चित तौर पर हिंसा हुई थी, निश्चित तौर पर वह त्रासदी थी।'

बाद में प्रतिष्ठित लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में एक सत्र के दौरान जब उनसे सिख विरोधी दंगों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘जब मनमोहन सिंह ने कहा तो वह हम सभी के लिए बोले। जैसा मैंने पहले कहा था कि मैं हिंसा का पीड़ित हूं और मैं समझता हूं कि यह कैसा लगता है।'

वह वर्ष 1991 में लिट्टे द्वारा उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का जिक्र कर रहे थे।

गांधी ने कहा, 'मैं इस धरती पर किसी के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा के विरुद्ध हूं। मैं परेशान हो जाता हूं जब मैं किसी को आहत होते देखता हूं। इसलिए मैं इसकी 100 प्रतिशत निंदा करता हूं और मैं किसी के भी खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा में शामिल लोगों को सजा देने के 100 फीसदी समर्थन में हूं।'

उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने हिंसा नहीं झेली है, उन्हें लगता है कि हिंसा वही है जो फिल्मों में देखते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, 'ऐसा नहीं है, मैंने उन लोगों को मरते देखा है जिन्हें मैं बहुत प्यार करता था। मैंने उस व्यक्ति (प्रभाकरन) को भी मरते देखा जिसने मेरे पिता को मारा था।'

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उन्होंने कहा, 'जब मैंने जाफना (श्रीलंका) के तट पर प्रभाकरन को मृत देखा तो मुझे उसके लिए दुख हुआ क्योंकि मैंने उसकी जगह अपने पिता को देखा और मेरी जगह उसके बच्चों को देखा। इसलिए जब आप हिंसा से पीड़ित होते हो तो आप इसे समझते हो, यह पूरी तरह से आप पर असर डालती है।'

Source : News Nation Bureau

AAP leader challenges Rahul Gandhi to debate on 1984 sikh riot congress defends
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