आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की अपनी मांग के लिए जनसमर्थन जुटाने के मकसद से 17 से 24 जून के बीच सभी वार्डो में 300 सभाएं करेगी। पार्टी की दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने रविवार को यह जानकारी दी।
दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी एक जुलाई को यहां इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में राज्य स्तर के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित करेगी, जिसमें पार्टी द्वारा की जा रही मांगों पर भावी कदम की घोषणा की जाएगी।
राय ने कहा, 'यह फैसला वार्ड स्तर के पदाधिकारियों और विधायकों के साथ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता वाली बैठक में किया गया। यह बैठक मुद्दे पर रणनीति को लेकर चर्चा के लिए आयोजित की गई थी।'
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए राय ने कहा, 'जब अन्य राज्यों में लोग वोट और कर देते हैं तो राज्य उनकी निर्वाचित सरकारों द्वारा शासित किया जाता है। लेकिन यहां दिल्ली में वोट देने और कर चुकाने के बावजूद उनके द्वारा निर्वाचित दिल्ली सरकार के पास कोई शक्ति नहीं है। यह भारत के संविधान का अपमान है।'
उन्होंने दावा किया कि दिल्ली के लोग स्वतंत्रता के 70 वर्षों के बाद भी अपने पूर्ण अधिकार प्राप्त करने में असमर्थ रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'किसी भी राज्य में सरकार बहुमत के साथ सत्ता में नहीं आती हालांकि दिल्ली में ऐसा हुआ। लेकिन इसके बाद भी यहां लोगों को छोटे छोटे कार्यों के लिए उपराज्यपाल का दरवाजा खटखटाना होता है। यह दिल्ली के लोगों का अपमान है।'
यह पूछे जाने पर कि तीन साल तक सत्ता संभालने के बाद आप यह सब क्यों कर रही है जिसपर राय ने कहा, 'पिछले तीन सालों में हमने गृह मंत्रालय से लेकर उपराज्यपाल तक के आगे प्रार्थना और अनुरोध कर हर उपाय कर लिए। लेकिन विकास कार्यों की गति धीमी होने के कारण हमें इस कदम को उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।'
आप नेता ने कहा कि पार्टी केंद्र के साथ सत्ता साझा करने के लिए तैयार है।
राय ने कहा, 'दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा नहीं देने के पीछे अक्सर इसके राष्ट्रीय राजधानी होने का कारण दिया जाता है। हम नई दिल्ली नगर परिषद इलाके को केंद्र के अंतर्गत रखने के लिए तैयार हैं..लेकिन बुराड़ी और नरेला इलाके में तो कोई दूतावास नहीं हैं. जब इन इलाकों में केंद्र सरकार का कोई कार्यालय ही नहीं है तो तो फिर क्यों इन इलाके के लोगों को समस्याओं से जूझना पड़ता है?'
इससे पहले बैठक को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने दिल्ली के उप राज्यपाल के पद की तुलना ब्रिटिश काल के वायसराय और केंद्र सरकारी की तुलना ब्रिटिश शासकों से की।
केजरीवाल ने कहा, 'देश को 1947 में आजादी मिली थी। इसके बाद देश भर में वायसराय के शासन की जगह लोगों के शासन का फैसला किया गया। लेकिन, दिल्ली में वायसराय की जगह उप राज्यपाल को नियुक्त कर दिया गया। दिल्ली के लोगों के साथ धोखा किया गया।'
उन्होंने कहा कि अंग्रेज हमारा सारा सोना और धन इंग्लैंड ले गए। लेकिन, केंद्र सरकार उससे भी बुरा कर रही है। दिल्ली हर साल 1.30 लाख करोड़ रुपये का टैक्स भरती है लेकिन बदले में दिल्ली को केंद्र से कुछ नहीं मिलता।
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Source : IANS