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AAP के 20 MLAs की सदस्यता रद्द, पर शुरू हो गई बीजेपी-कांग्रेस में भिड़ंत

चुनाव आयोग की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने के बाद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है।

Updated on: 21 Jan 2018, 10:32 PM

highlights

  • आप के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने पर बीजेपी-कांग्रेस में भिड़ंत
  • कांग्रेस ने इस पूरे मामले में बीजेपी और चुनाव आयोग के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया

नई दिल्ली:

चुनाव आयोग की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द किए जाने के बाद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है।

कांग्रेस ने इस पूरे मामले में बीजेपी और चुनाव आयोग के बीच मिलीभगत का आरोप लगाया, जिस पर बीजेपी ने पलटवार किया।

दिल्ली कांग्रेस के प्रेसिडेंट अजय माकन ने कहा, 'यदि यह फैसला 22 दिसंबर से पहले आया होता और विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाता, तो वह राज्यसभा चुनाव में मतदान नहीं कर पाते।'

गौरतलब है कि 22 दिसबंर को राज्यसभा के लिए हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी के तीन उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो चुके हैं।

माकन ने कहा, 'उन्होंने 21 संसदीय सचिव बना डाले, जबकि नियमानुसार मात्र सात की ही अनुमति है।'

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कांग्रेस ने इन आरोपों पर पलटवार करते हुए बीजेपी की सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि राज्यसभा चुनाव यह बताता है कि चुनाव आयोग बिना किसी से प्रभावित हुए काम कर रहा है।

लेखी ने कहा, 'वास्तव में राज्यसभा का नामांकन बताता है कि चुनाव आयोग अपनी गति से काम कर रहा था और उसके ऊपर कोई दबाव नहीं था, जैसा कि अरविंद केजरीवाल आरोप लगा रहे हैं।'

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उसका काम कानून का पालन करना है।

गौरतलब है कि लाभ के पद के मामले में पार्टी के 20 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की सिफारिश के बाद आप ने चुनाव आयोग पर बीजेपी के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया था।

आप का आरोप है कि चुनाव आयोग ने बिना पार्टी का पक्ष सुने ही उसके विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने की सिफारिश कर दी।

माकन ने यह भी कहा कि आप के संसदीय सचिवों को एक मंत्री को दी जाने वाली सभी सुविधाएं और लाभ दिए गए थे। माकन ने विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के लिए निर्वाचन आयोग में याचिका दायर की थी।

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