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Aadhaar verdict
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि उसने नौ न्यायाधीशों द्वारा निर्धारित मानदंडों पर परखने के बाद आधार योजना को वैध ठहराया. नौ न्यायाधीशों की पीठ ने निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार बताया था. नौ न्यायाधीशों की पीठ ने तीन कसौटियां निर्धारित की थी जिसे किसी कानून की वैधता के लिये निजता के हनन की स्वीकृत सीमा पर फैसला करने के लिये पूरा करने की आवश्यकता होती है.
उनहोंने कहा था कि निजता का एक स्वीकृत सीमा तक हनन किया जा सकता है अगर कल्याणकारी कदम कानून से समर्थित हों और 'राज्य का वैध हित हो.'
न्यायालय ने कहा था कि इसे 'आनुपातिकता की कसौटी' पर खरा उतरना चाहिये।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने आधार कानून की वैधता को बरकरार रखते हुए कहा कि यह निजता मामले में सुनाए गए फैसले की तीन कसौटियों पर खरा उतरता है.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने सुनाया फैसला
आधार की वैद्यता को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुनाते हुए बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इसे संवैधानिक माना है. इस फैसला पांच जजों की खंडपीठ ने सुनाया है. इसमें न्यायाधीश ए के सीकरी, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया दीपक मिश्रा और न्यायधीश ए एम खानविलकर प्रमुख रूप से शामिल थे. वहीं दो अन्य जजों में जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और अशोक भूषण ने अपनी अलग-अलग राय लिखी.
(पीटीआई)
Source : News Nation Bureau