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जैसलमेरः लोंगेवाला बॉर्डर पर पीएम मेजर कुलदीप को याद कर पाक को दी चेतावनी

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बार दीवाली मनाने के लिए लोंगेवाला सीमा पर पहुंचने के पीछे का रहस्य भी खोलते हुए कहा कि वर्ष 1971 के युद्ध में 50 वर्ष होने जा रहे हैं, उस गौरवपूर्ण दृश्य को मनाने की तैयारी है.

Updated on: 14 Nov 2020, 03:43 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को जैसलमेर की लोंगेवाला सीमा पर जवानों के साथ दीवाली मनाने पहुंचे तो उन्होंने इस स्थान पर मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के नेतृत्व में 1971 में लड़ी गई ऐतिहासिक लड़ाई को याद किया. यह मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी ही थे, जिनके साहस पर बनी बॉर्डर फिल्म में सनी देओल ने उनकी भूमिका निभाई थी. प्रधानमंत्री मोदी ने 'बैटल ऑफ लोगेंवाला' को भारतीय सैन्य बल के साहस और शक्ति का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि लोंगवाला का युद्ध, भारतीय सेना, बीएसएफ, वायुसेना के अद्भुत समन्वय का भी प्रतीक है.

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बार दीवाली मनाने के लिए लोंगेवाला सीमा पर पहुंचने के पीछे का रहस्य भी खोलते हुए कहा कि वर्ष 1971 के युद्ध में 50 वर्ष होने जा रहे हैं, उस गौरवपूर्ण दृश्य को मनाने की तैयारी है. इसलिए उनका यहां आने को मन कर गया. पूरा देश अपने उन वीरों की विजयगाथाएं सुनकर गौरवान्वित होगा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब भी सैन्य कुशलता के इतिहास के बारे में लिखा-पढ़ा जाएगा, जब सैन्य पराक्रम की चर्चा होगी, तो बैटल ऑफ लोंगेवाला को जरूर याद किया जाएगा. यह वो समय था, जब पाकिस्तान की सेना, बांग्लादेश के निर्दोष नागरिकों का नरसिंहार कर रही थी. बहन-बेटियों पर अमानवीय जुल्म हो रहे थे. इन हरकतों से पाकिस्तान का घृणित चेहरा उजागर हो रहा था. पाकिस्तान का भयंकर रूप दुनिया के सामने प्रकट हो रहा था.

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प्रधानमंत्री ने कहा कि इन सब से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए पाकिस्तान ने हमारे देश की पश्चिमी सीमाओं पर मोर्चा खोल दिया. पाकिस्तान को लगा कि पश्चिमी सीमाओं पर मोर्चा खोल देने से बांग्लादेश को लेकर किए जाने वाले पाप छिप जाएंगे. लेकिन भारतीय सैनिकों ने जो मुंहतोड़ जवाब दिया, उससे पाकिस्तान को लेने के देने पड़ गए. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, यहां इस पोस्ट पर दिखाए गए पराक्रम की गूंज ने दुश्मन का हौसला तोड़ दिया. उस वक्त क्या पता था कि यहां उसका सामना मां भारती के शक्तिशाली बेटे-बेटियों से हो रहा है. मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के नेतृत्व में भारतीय वीरों ने टैंकों से लैस दुश्मन के सैनिकों को धूल चटा दी थी. उनके मंसूबों को नेस्तनाबूद कर दिया.

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प्रधानमंत्री मोदी ने मेजर कुलदीप की बहादुरी को नमन करते हुए कहा कि उनके माता-पिता ने नाम रखते हुए कुल के दीपक के बारे में सोचा होगा. लेकिन उन्होंने नाम को ऐसे सार्थक किया कि कुलदीप नहीं राष्ट्रदीप हो गए. प्रधानंमत्री मोदी ने कहा, साथियो लोंगेवाला का ऐतिहासिक युद्ध भारतीय सैन्य बल का प्रतीक तो है ही, भारतीय सेना, बीएसएफ, वायुसेना के अद्भुत समन्वय का भी प्रतीक है. इस लड़ाई ने दिखाया है कि भारत की संगठित सैन्य शक्ति के सामने चाहे कोई भी आ जाए, वह टिक नहीं पाएगा.