logo-image

दिल्ली में जिम बंद होने के बाद संचालक निराश

दिल्ली में जिम बंद होने के बाद संचालक निराश

Updated on: 30 Dec 2021, 12:35 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों के बीच दिल्ली येलो एलर्ट पर है, जिसके बाद स्पा, जिम, योग केंद्र और एंटरेटनमेंट पार्क बंद हैं, इस फैसले के बाद जिम संचालकों ने दुख जाहिर किया है। उनके मुताबिक, हम स्वास्थ्य के लिए लड़ रहे हैं या स्वास्थ्य से लड़ रहे हैं, जबकि जिम तो लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर करता है।

जानकारी के अनुसार, जिम बंद करने के फैसले के बाद दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता से जिम संचालकों ने बुधवार को मुलाकात की थी।

दरअसल के बढ़ते केसों के चलते राज्य सरकार मेट्रो में 50 फीसदी लोगों को बैठने की ही अनुमति हो गई है। वहीं स्कूल, कॉलेज, कोचिंग सेंटरों समेत तमाम शिक्षण केंद्रों को बंद करने का फैसला लिया गया है।

कोरोना की पहली लहर के दौरान जिम 7 महीने तो, दूसरी लहर में जिम ढाई महीने के लिए बंद हुए थे। वहीं जानकारी के अनुसार राजधानी में छोटे बड़े जिम मिलाकर 5 हजार से अधिक जिम हैं।

ऑल इंडिया जिम एसोसिएशन इंडिया एक्टिव के जनरल सेक्रेटरी विकास जैन ने बताया कि, जिम बंद करना कोई उपाय नहीं है। बस, ट्रैफिक आदि सामान्य रूप से रहा है। जिम बंद करके क्या हासिल होगा पता नहीं, क्योंकि जिम में लोग स्वस्थ लोग ही आते हैं।

हम स्वास्थ्य के लिए लड़ रहे हैं या स्वास्थ्य से लड़ रहे हैं। जिम लोगों के स्वास्थ्य को बहतर कर रहा है।

वहीं दिल्ली में एक जिम संचालक अभिषेक भाटिया ने बताया कि, दिल्ली में जिम बंद होने के कारण जिम में काम करने वाले लोग बेरोजगार हो चुके हैं। पहली लहर में 17 महीने के लिए जिलों को बंद किया गया, इसके कारण 1200 जिम्स बंद हो गए थे।

जिस जगह हम स्वास्थ्य को बढ़ावा दे रहे हैं, उस जगह पर सबसे पहले जिम बंद कर दिए जाते हैं। दूसरी लहर में ढाई महीने के लिए बंद हुए वहीं 90 फीसदी जिम रेंट पर चल रहे हैं, लैंड लॉर्ड किराया मांगते हैं।

उन्होंने बताया कि, शराब मिलने वाली जगहों को खोल रखा है क्योंकि इनसे सरकार को टैक्स जाता है। लेकिन जिम से नहीं होता इसलिए हमें दबाया जाता है।

इसके अलावा गोल्ड जिम के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर निखिल कक्कड़ ने बताया कि, बीते कल हमारे पास सूचना आई कि जिम बंद करना पड़ेगा। दूसरी लहर के बाद 100 फीसदी क्षमता के साथ तो जिम खुले ही नहीं थे और 50 फीसदी क्षमता के साथ ही काम कर रहे थे। जिस तरह मेट्रो में नियम बने उसी तरह हमें भी बोल दिया जाता। जो बीमार होगा वो जिम में क्यों आएगा।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.