जेटली ने कहा- सभापति वेंकैया नायडू के फैसले के खिलाफ SC जाना कांग्रेस के लिये होगा आत्मघाती

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सीजेआई के खिलाफ महाभियोग पर उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के फैसले के खिलाफ कांग्रेस का सुप्रीम कोर्ट जाना भविष्य का आत्मघाती कदम होगा।

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pradeep tripathi
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जेटली ने कहा- सभापति वेंकैया नायडू के फैसले के खिलाफ SC जाना कांग्रेस के लिये होगा आत्मघाती

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि सीजेआई के खिलाफ महाभियोग पर उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू के फैसले के खिलाफ कांग्रेस का सुप्रीम कोर्ट जाना भविष्य का आत्मघाती कदम होगा।

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उप राष्ट्रपति वेकैंया नायडू ने एक दिन पहले ही महाभियोग प्रस्ताव के नोटिस को खारिज कर दिया था। खारिज करने कुछ घंटे के बाद ही कांग्रेस ने उनके फैसले को 'अवैध' और 'जल्दबाजी' में उठाया गया कदम बताया था। उसका कहना है कि वो उप राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगी।

कांग्रेस के सुप्रीम कोर्ट जाने के फैसले पर जेटली ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा है, 'ये कांग्रेस का भविष्य का आत्मघाती कदम होगा।'

उन्होंने कहा है कि किसी भी सदन के सभापति या अध्यक्ष का अधिकार है कि वो किसी नोटिस या प्रस्ताव को स्वीकार करें या अस्वाकार करें।

उन्होंने कहा है, 'प्रस्ताव को स्वीकार करने या अस्वीकार करने का अधिकार संसदीय प्रणाली का हिस्सा होती है।'

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सीजेआई दीपक मिश्रा के खिलाफ लाए गए महाभियोग पर चार दिनों के भीतर अपने दूसरा फेसबुक पोस्ट लिखा है।

जेटली खुद एक वरिष्ठ वकील है। उन्होंने कहा है कि बड़ी संख्या में वकीलों को राजनीतिक दलों ने संसद में भेजा है क्यंकि उनकी साख कोर्ट और संसदीय चर्चा में काफी महत्वपूर्ण रही है।

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उन्होंने कहा, 'इसका अनुषांगिक प्रभाव ये हुआ है कि वकील सांसदों में कोर्ट के अंदर के मामले को संसदीय प्रणाली में घसीटने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। गलत तरीके से लाया गया महाभियोग प्रस्ताव इसका एक उदाहरण है।'

अपने पोस्ट में उन्होंने कहा है कि जिसमें 'उनके न्यायिक विचार उनके पक्ष में नहीं होता जिसमें पार्टी का हित जिड़ा हो' तो कांग्रेस जजों को विवाद में घसीटने की क्षमता रखती है और उन्हें विवादित बना देती है।

जोटली ने कहा है कि किसी भी राजनीतिक विश्लेषक के लिये ये साफ था कि विपक्ष के इस प्रस्ताव को दो-तिहाई समर्थन भी नहीं मिलेगा। इस बात, को कांग्रेस भी जानती थी लेकिन उसे इस प्रस्ताव को पारित नहीं कराना था बल्कि न्यायपालिका को डराने का उद्देश्य था।

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Source : News Nation Bureau

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