वैश्विक शिक्षण संस्थानों के अनुरूप सक्रिय और प्रोजेक्ट-आधारित सीखने के ²ष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर ने मेकर भवन शुरू किया है। आईआईटी गांधीनगर का यह मेकर भवन छात्रों के बीच नवीन सोच और हेंड्स-ऑन लनिर्ंग को बढ़ावा देने के लिए एक बहुआयामी शैक्षणिक मेकरस्पेस है।
मेकर भवन की परिकल्पना शैक्षणिक प्रथाओं को बदलने और यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि सक्रिय शिक्षण, रचनात्मकता और नवाचार आईआईटी गांधीनगर में शिक्षण और सीखने का एक अभिन्न अंग बन जाए। यह एमआईटी की तर्ज पर डिजाइन किया गया एक विश्व स्तरीय मेकरस्पेस है। इसमें टीम वर्क क्षेत्र, एक रचनात्मक स्टूडियो और विभिन्न प्रकार के डिजिटल निर्माण उपकरण और इलेक्ट्रॉनिक्स लैब हैं। यह छात्रों को अपने विचारों को वास्तविक प्रोटोटाइप में बदलने के लिए प्रेरित करेंगे।
इसका उद्देश्य छात्रों को लीडर्स और नवप्रवर्तक बनाना है। यह सुविधा छात्रों, शिक्षकों, पूर्व छात्रों, आईआईटी गांधीनगर के उद्योग भागीदारों और देश भर के अन्य संस्थानों के शैक्षिक चिकित्सकों के लिए अपने अत्याधुनिक मेकरस्पेस, नए करिक्युलर, को-करिक्युलर कार्यक्रमों, महत्वपूर्ण उद्योग जुड़ाव, इंटर्नशिप के अवसर, व्याख्यान श्रृंखला, सम्मेलन, व्यावहारिक कार्यशालाएं, और इसी तरह के प्रयासों के साथ अत्यधिक फायदेमंद साबित होगी।
कैलिफोर्निया स्थित चैरिटी मेकर भवन फाउंडेशन के संस्थापक डॉ हेमंत कनकिया का यह भवन बनाने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वह स्वयं भी आईआईटी के छात्र रह चुके हैं।
डॉ हेमंत ने कहा, किसी समस्या का कोई एक जवाब नहीं होता है और इसलिए एक सफल इंजीनियर बनने के लिए बहुत सारी री-लनिर्ंग करनी पड़ती है। हमने इस मेकर भवन का निर्माण इस बात पर जोर देने के लिए किया है कि सीखने की प्रक्रिया कोई चीज को करने से बेहतर तरीके से हो सकती है। कुछ बनाने का अनुभव वास्तव में छात्रों को चुनौतियों बहुत अलग तरीके से निपटने के लिए बहुत आश्वस्त करता है, और यही बनाने की दुनिया का महत्व है। हम चाहते हैं कि छात्र आविष्कारशील बनें और रचनात्मक सोच के लिए एक ²ष्टिकोण विकसित करें। यह आईआईटी गांधीनगर के साथ एक शानदार साझेदारी रही है, और हम आने वाले वर्षों में कई और चीजें एक साथ करने की उम्मीद करते हैं।
आईआईटी गांधीनगर के निदेशक प्रोफेसर अमित प्रशांत ने कहा, हम मेकर भवन फाउंडेशन के आभारी हैं कि उन्होंने इस विचार को गति दी और आईआईटी में इस विश्व स्तरीय मेकरस्पेस के निर्माण के पीछे एक सक्रिय बल बने जो सक्रिय शिक्षण, रचनात्मकता और अनुसंधान नवाचार को विभिन्न स्तरों पर बढ़ावा देता है। हमें यकीन है कि हमारे छात्रों को यहां जिस तरह का शिक्षण और सीखने का अनुभव मिलेगा वह उन्हें वास्तविक दुनिया की समस्या-समाधान के कौशल के साथ सशक्त बनाएगा।
अपने अनुभव को साझा करते हुए मेकर भवन में संचालित सीएनसी पाठ्यक्रम में भाग लेने वाले छात्रों में से एक, श्रेयस अग्रवाल ने कहा, इस स्थान पर हमें जो सीखने को मिलता है वह अद्भुत है क्योंकि हमें केज्युयल ²ष्टिकोण से परे सोचने की और प्रोजेक्ट के लिए बजट के बारे में भी सीखने की प्रेरणा मिलती है। यहां परिष्कृत उपकरणों का उपयोग करने से हमें अपनी परियोजना की समस्याओं को हल करने के लिए एक सीखने का उत्तम अवसर मिलता है।
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Source : IANS