/newsnation/media/post_attachments/images/2018/10/16/19-KovindPTI-5-18.jpeg)
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
महिला पत्रकारों के एक पैनल ने केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर को बर्खास्त करने की मांग करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को एक पत्र लिखा है. एमजे अकबर पर 'मीटू मूवमेंट' के तहत दर्जनभर महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. नेटवर्क ऑफ वुमेन इन मीडिया इन इंडिया (एनडब्ल्यूएमआई) ने सोमवार को राष्ट्रपति को लिखे एक पत्र में कहा, 'हम बेहद चिंतित हैं कि वह केंद्रीय मंत्रिपरिषद में मंत्री पद पर बने हुए हैं.'
पत्र के अनुसार, 'आप इस बात से सहमत होंगे कि यह अनैतिक और अनुचित है. इस तरह से उनके कथित कुकर्मो की स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच प्रभावित हो सकती है.'
और पढ़ें : #MeToo: एमजे अकबर पर गजाला का पलटवार, बोलीं-हां, झूठ के पांव नहीं होते
विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर पर सबसे पहले यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ मंत्री ने मानहानि का मुकदमा दायर किया है. एनडब्ल्यूएमआई ने कहा कि एक आपराधिक मानहानि का आरोप उन लोगों को धमकाने और चुप करने का स्पष्ट प्रयास है जो शक्तिशाली पदों पर बैठे पुरुषों द्वारा महिलाओं संग उत्पीड़न करने वालों को सामने ला रहे हैं.
पत्र में कहा गया कि यह महिलाओं को खामोश रहने की स्थिति में वापस धकेलने के लिए बुना गया है और उन लोगों की भी आवाज को खामोश कर देगा जिन्होंने अभी तक बात नहीं की है. पैनल ने मांग की है कि अकबर को एक स्वतंत्र जांच में सहयोग देना चाहिए और विदेश मंत्रालय को उसे जांच होने तक पद से बर्खास्त करना चाहिए.
और पढ़ें : #MeToo: एमजे अकबर केस में आज नहीं होगी सुनवाई, 18 अक्टूबर तक टली
Source : News Nation Bureau