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राष्ट्रपति से मिले विपक्षी दल, कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग की

कृषि कानूनों के विरोध में विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. जिसमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सीताराम येचुरी समेत विपक्ष के 5 नेताओं ने रामनाथ कोविंद से मिले. 

Updated on: 09 Dec 2020, 06:04 PM

नई दिल्ली:

कृषि कानूनों के विरोध में विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की. जिसमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, सीताराम येचुरी समेत विपक्ष के 5 नेताओं ने रामनाथ कोविंद से मिले. महामना से मिलने के बाद विपक्षी नेताओं ने एक सुर में कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की. राहुल गांधी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को सूचित किया कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि इन किसान विरोधी कानूनों को वापस लिया जाए. 

लेफ्ट नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया है. कृषि कानूनों और बिजली संशोधन बिल को उचित विचार-विमर्श और बिना परामर्श के अलोकतांत्रिक तरीके से पारित किया गया है. इस कानून को रद्द किया जाए. एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि कृषि बिलों की गहन चर्चा के लिए सभी विपक्षी दलों से अनुरोध किया गया था और इसे सेलेक्ट कमिटी को भेजे जाने के लिए कहा था. लेकिन दुर्भाग्य से कोई सुझाव स्वीकार नहीं किया गया और बिलों को जल्दबाजी में पारित किया गया. इस ठंड में किसान अपनी नाराजगी जताते हुए शांतिपूर्ण तरीके से सड़कों पर उतर रहे हैं. इस मुद्दे को हल करना सरकार का कर्तव्य है.

बता दें कि किसान 14 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं. सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. कल किसानों और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच बातचीत भी हुई, जो बेनतीजा रही. सरकार की ओर से किसानों को लिखित में प्रस्ताव भेजा गया है, जिस पर किसान मंथन कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, सरकार के प्रस्ताव पर किसानों की सहमति के आसार कम हैं. अधिकतर किसान नेता तीनों कानून के वापसी से कम पर मानने को तैयार नहीं हैं.