पाकिस्तान के 98 हिंदू रविवार को पाकिस्तान वापस लौट गये. करीब डेढ़ साल पहले वे भारत तीर्थयात्रा पर आये थे.17 महीने बाद वे वाघा-अटारी बॉर्डर से वापस पाकिस्तान लौट गये. वे कोरोना महामारी के चलते यहां फंस गये थे. और प्रतिबंधों के चलते वापस नहीं लौट पाए थे. इस दौरान वे राजस्थान के जोधपुर जिले में रह रहे थे. इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. अपने देश वापस जाते समय इन तीर्थयात्रियों के चेहरे पर खुशी देखी जा सकती है. ये जाते समय भारत सरकार और यहां के लोगों को धन्यवाद अदा किया.
बताया जा रहा कि ये लोग पिछले साल तीर्थ यात्रा के लिए भारत आये थे. लेकिन तभी कोरोना वायरस के दस्तक दे दी और ये लोग यहीं रह गए. पाकिस्तान के रहने वाले वजीर ने बताया कि हम हरिद्वार आये थे, लेकिन कोरोना के चलते नहीं जा पाए. हम जोधपुर में रुके हुए थे. हम भारत सरकार का धन्यवाद करते हैं जिसने हमारा कोविड टेस्ट कराया.
प्रोटोकॉल कार्यालय का कहना है, "उन्हें 3 सितंबर को लौटने का कार्यक्रम था, लेकिन आरटी-पीसीआर परीक्षण रिपोर्ट नहीं होने के कारण उन्हें वापस कर दिया गया।"
दरअसल, पिछले डेढ़ साल से कोरोना महामारी ने दुनिया को तबाह कर रखा है. कई लोग इस दौरान अुने घर से दूर दूसरे शहरों में तो काफी लोग दूसरे देश में फंसे रहे. कोरोना संक्रमण के कारण बिना जांच के किसी को देश के अंदर घुसलने की मनाही रही. कोरोना गाइडलाइन्स के अनुसार शासन-प्रशासन निर्णय करता रहा.
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भारत-पाकिस्तान से हर साल कई धार्मिक समूह एक दूसरे देश आते जाते हैं. भारत से सिख धर्म के अनुयायी पाकिस्तान स्थित करतारपुर गुरुद्वारे समेत सिख गुरुओं से संबंधित कई स्थानों पर जाते रहे हैं तो पाकिस्तानी हिंदू भारत तीर्थयात्रा पर आते हैं. पाकिस्तान से मुसलमान भी अजमेर शरीफ और दूसरे दरगाहों पर धार्मिक यात्रा के लिए आते हैं.
यही नहीं भारत से हर साल सिख तीर्थयात्रियों का एक धार्मिक जत्था शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि मनाने के लिए गुरुद्वारा श्री देहरा साहिब, लाहौर जाता है. इस बार पाकिस्तान सरकार ने महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि पर आयोजित वार्षिक कार्यक्रमों में भाग लेने जा रहे भारतीय सिख समुदाय के एक जत्थे को लाहौर जाने की अनुमति नहीं दी थी.
उस दौरान पाकिस्तानी प्रशासन ने सिख समुदाय के लिए आगामी दो प्रमुख कार्यक्रमों के लिए विदेशी तीर्थयात्रियों के दौरे रद्द कर दिए है थे. पाकिस्तान ने गुरु अर्जनदेव की शहादत और महाराजा रणजीत सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर जत्थे 2 प्रस्तावित यात्राओं को रद्द करने का फैसला किया था.
HIGHLIGHTS
- पाकिस्तान से भारत तीर्थयात्रा पर आया 98 पाकिस्तानी हिंदुओं का जत्था वापस स्वदेश रवाना
- हर साल दोनों देशों से तीर्थयात्रियों का आना-जाना लगा रहता है
- कोरोना के चलते डेढ़ साल से भारत में फंसे थे पाकिस्तानी हिंदू