सहकारी बैंकों में नोटबंदी के बाद सिर्फ 5 दिनों में जमा हुए 9,000 करोड़

DCCB के खातों का प्रयोग राजनीतिक पार्टियों द्वारा किया जाता रहा है।

DCCB के खातों का प्रयोग राजनीतिक पार्टियों द्वारा किया जाता रहा है।

author-image
Deepak K
एडिट
New Update
सहकारी बैंकों में नोटबंदी के बाद सिर्फ 5 दिनों में जमा हुए 9,000 करोड़

Getty Image

एक जानकारी के मुताबिक नोटबंदी के फैसले के बाद सिर्फ जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCBs) में सिर्फ पांच दिनों के अंदर 9,000 करोड़ की रकम जम हो गई थी। हालांकि यह पैसा देश के अलग-अलग 17 राज्यों की ब्रांचों में जमा हुआ है।

Advertisment

इसका असर ये हुआ कि नोटबंदी से पहले वैसे बैंक जो घाटे में चल रही थी वो अचानक ही मुनाफ़े में आ गयी। हालांकि, DCCB का उठाया जा रहा फायदा ज्यादा दिन तक नहीं चल पाया क्योंकि जैसे ही इस बात की जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को मालूम पड़ी उन्होंने पुराने नोट जमा करवाने पर रोक लगा दी।

ये भी पढ़ें- पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों से बैन हटा, फिर से दिखाई जायेंगी बॉलीवुड फिल्में

एक्सपर्ट का मानना है कि ये सभी पैसा 10 से 15 नवंबर के बीच जमा हुआ था। यानी नोटबंदी का फैसला 9 नवंबर को लागू होने के अगले पांच दिनों में यह सब हुआ। DCCB के ज्यादातर खातों का इस्तेमाल कालेधन को सफेद करने के लिए हुआ है।

एक अंग्रेज़ी अख़बार के मुताबिक, NABARD के पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर के जी कर्माकर ने बताया कि पिछले कई सालों से DCCB के खातों का प्रयोग राजनीतिक पार्टियों द्वारा किया जाता रहा है। कर्माकर के मुताबिक, पार्टियां किसानों के नाम पर अकाउंट खोलती हैं और उसे काले पैसे को सफेद करने के लिए इस्तेमाल करती हैं।

कुछ अधिकारियों ने केरल का जिक्र खास तौर पर किया। क्योंकि केरल में खेती नाम मात्र को ही रह गई है लेकिन वहां की DCCB की ब्रांचों में 1,800 करोड़ रुपया जमा हुआ। वह भी उन्हीं पांच दिनों के अंदर।

कुछ ऐसा ही पंजाब में हुआ। वहां 20 से ज्यादा DCCB के खातों में पांच दिनों के अंदर 1268 करोड़ रुपए के पुराने नोट जमा हुए।

ये भी पढ़ें- फ़िल्मी सितारों के बच्चे भी जीना चाहते हैं सामान्य ज़िंदगी: सोनाक्षी

महाराष्ट्र DCCB खातों में जमा रकम के मामले में तीसरे नंबर पर रहा। वहां 10 से 14 के बीच 1128 करोड़ रुपए जमा हो गए। महाराष्ट्र के किसानों की हालत तो ऐसी है कि वे लोन ना चुका पाने की वजह से खुद कीटनाशक खाकर जान देने को मजबूर हैं।

इससे एक बात तो साफ़ है कि DCCB खातों का उपयोग राजनीतिक पार्टियों और बड़े लोगों द्वारा किया जा रहा था। ऐसे में आरबीआइ के इस नए निर्देश से वैसे लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गयी है जिन्होंने इन खातों का उपयोग अपने कले धन को सफ़ेद करने के लिए किया।

HIGHLIGHTS

  • रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पुराने नोट जमा करवाने पर रोक लगा दी।
  • पंजाब में पांच दिनों के अंदर 1268 करोड़ रुपए के पुराने नोट जमा हुए।
  • महाराष्ट्र DCCB खातों में 1128 करोड़ रुपए जमा हो गए।

Source : News Nation Bureau

Cooperative Banks deposits in cooperative banks demonetisation district central cooperative banks DCCB note ban
Advertisment