देश के 90 प्रतिशत भारतीय 'आधार' को सुरक्षित मानते हैं : सर्वेक्षण

रपट में कहा गया कि देश में 95 प्रतिशत व्यस्कों तथा 75 प्रतिशत बच्चों के पास आधार है.

रपट में कहा गया कि देश में 95 प्रतिशत व्यस्कों तथा 75 प्रतिशत बच्चों के पास आधार है.

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Ravindra Singh
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देश के 90 प्रतिशत भारतीय  'आधार' को सुरक्षित मानते हैं : सर्वेक्षण

आधार कार्ड( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

बायोमेट्रिक आधारित पहचान 'आधार ' को 90 प्रतिशत भारतीय लोग सुरक्षित मानते हैं. हालांकि , लोगों का मानना है कि आधार को अद्यतन (अपडेट) कराना सबसे मुश्किल काम है. सामाजिक मसलों पर परामर्श देने वाले गैर - सरकारी संगठन डालबर्ग की एक हालिया सर्वेक्षण रपट में यह बात कही गई है. संगठन की रपट ' स्टेट ऑफ आधार-2019 ' के सह - लेखक गौरव गुप्ता ने सोमवार को सर्वेक्षण के नतीजों को सामने रखते हुए कहा कि आधार को 90 प्रतिशत लोग सुरक्षित मानते हैं तथा 61 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इसके कारण उन्हें मिलने वाला लाभ कोई अन्य नहीं उठा पाता है. सर्वेक्षण में शामिल 92 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे आधार से संतुष्ट हैं. डालबर्ग ने यह सर्वेक्षण निवेश फर्म ओमिदयार नेटवर्क इंडिया के साथ मिलकर किया है.

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रपट में कहा गया कि देश में 95 प्रतिशत व्यस्कों तथा 75 प्रतिशत बच्चों के पास आधार है. उन्होंने कहा कि अभी करीब 2.8 करोड़ व्यस्कों के पास आधार नहीं है . कुल 10.2 करोड़ लोगों के पास आधार नहीं होने का अनुमान है. असम और मेघालय में अधिकतर लोगों के पास आधार नहीं है. असम में यह आंकड़ा 90 प्रतिशत और मेघालय में 61 प्रतिशत है. देश के 30 प्रतिशत ट्रांसजेंडर तथा 27 प्रतिशत आवासहीन लोगों के पास अभी तक आधार नहीं है. रपट के अनुसार , सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने आधार को अपडेट कराना सबसे मुश्किल काम बताया है. आधार को अपडेट करने की कोशिश कराने वाले प्रत्येक पांच लोगों में एक को निराशा मिली है. आधार में दर्ज जानकारियों के बारे में महज चार प्रतिशत ही लोग हैं , जिन्होंने इसमें त्रुटि की बात स्वीकार की है.

गुप्ता ने कहा कि करीब 80 प्रतिशत लोगों का मानना है कि इसके कारण राशन और पेंशन जैसी सुविधाएं सरल हुई हैं . चालीस प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें आधार के कारण एक ही दिन में मोबाइल सिम कार्ड पाने की सहूलियत मिली है. करीब आठ प्रतिशत लोग ऐसे भी हैं , जिनके लिये आधार उनका पहला पहचान पत्र रहा है. सर्वेक्षण में शामिल करीब आधे लोगों ने माना कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बावजूद अधिकतर कंपनियां मोबाइल सिम के लिए, बैंक खाता खोलने के लिए और स्कूल में बच्चों के दाखिले के लिए केवल आधार को ही पहचान के तौर पर स्वीकार करते हैं.

आधार नहीं होने की वजह से 6 से 14 वर्ष की आयु के करीब 0.5 प्रतिशत बच्चों को स्कूल में दाखिला नहीं मिला है. पहचान के तौर पर आधार को हर जगह स्वीकार किए जाने को 72 प्रतिशत लोगों ने सुविधाजनक माना है. जबकि इनमें से करीब आधे लोगों ने बहुत सारी सेवाओं के साथ इसे जोड़ने पर चिंता भी व्यक्त की. आधार के साथ कई नए फीचर जैसे कि एमआधार, क्यूआर कोड, वर्चुअल आधार और मास्क्ड आधार भी शुरू की गयी हैं. लेकिन 77 प्रतिशत लोगों ने इनमें से किसी का भी उपयोग नहीं किया है. 

Source : Bhasha

Aadhar System Indian People faith on Aadhar 90 Percent Indians consider Aadhar
      
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