नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 5 जुलाई को पेश करेंगी. इस बजट को लेकर महिलाओं की क्या उम्मीदें हैं वो मोदी सरकार से क्या मांगना चाहती हैं, इसे लेकर एक सर्वेक्षण कराया गया. एक सर्वेक्षण में भाग लेने वाली 85 प्रतिशत माताओं ने इस साल के बजट में स्कूलों की फीस में कमी की मांग की, जबकि 81 प्रतिशत माताओं ने न्यूरो आधारित समस्या के शिकार बच्चों के लिए अधिक स्कूलों की मांग की.
सर्वेक्षण में पूरे भारत से 1,317 माताओं ने भाग लिया, जिनमें काम करने वाली महिलाएं (36.9 प्रतिशत) और गृहिणी (66.1 प्रतिशत) शामिल रहीं.
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84 प्रतिशत महिलाओं ने सार्वजनिक स्थानों पर अधिक स्तनपान वाले कमरों की मांग की, जबकि इतनी ही संख्या में महिलाओं ने शहरों में बड़े कार्यालयों में बच्चों की देखभाल के लिए अधिक डे केयर केंद्र की मांग की.
82 प्रतिशत महिलाएं बजट में स्वच्छ शौचालय के लिए और व्यवस्था चाहती हैं और 79 प्रतिशत महिलाएं बच्चों के लिए अधिक खेल सुविधाएं चाहती हैं. यह सर्वेक्षण मॉमस्प्रेसो द्वारा किया गया.
82 प्रतिशत माताएं उन महिलाओं के लिए अधिक नौकरी के विकल्प चाहती हैं जो मातृत्व अवकाश के बाद काम पर वापस जाने की योजना बनाती हैं. इसी क्रम में 82 प्रतिशत माताएं बच्चों के लिए अधिक अस्पताल चाहती हैं, जबकि 79 प्रतिशत महिलाएं बच्चों के लिए सस्ती टीके की व्यवस्था चाहती हैं.
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84 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि वे घर के रोजमर्रा के कामों में इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं की कीमत में कटौती चाहती हैं.
मॉम्प्रेसो के सह-संस्थापक और सीईओ विशाल गुप्ता ने कहा, 'इस सर्वेक्षण के माध्यम से, हम उन आवाजों को सामने ला रहे हैं जो अक्सर अनसुनी रह जाती हैं. वे हमारे मंच के माध्यम से अपनी बात प्रस्तुत करती हैं. हमारा मानना है कि माताओं की ये चिंताएं और आकांक्षाएं अब सही लोगों तक पहुंचेंगी.'
HIGHLIGHTS
- बजट में महिलाओं की कई सारी हैं मांग
- बच्चों की फीस में कटौती चाहती हैं महिलाएं
- सार्वजनिक स्थानों पर अधिक स्तनपान वाले कमरों की मांग की