रूस के हमला करने से यूक्रेन में अफरा-तफरी मची है. यूक्रेन रूस का जवाब दे रहा है लेकिन यूक्रेन में रह रहे विदेशी नागरिक वहीं से सुरक्षित निकलने की कोशिश में है. यूक्रेन की सीमा से लगे पोलैंड और हंगरी आदि देशों में लोग भगकर आ रहे हैं. भारत की लगभग 20 हजार नगारिक यूक्रेन में रह रहे हैं, जिसमें अधिकांश छात्र हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि अब तक, लगभग 1400 भारतीय नागरिकों को लेकर छह उड़ानें आ चुकी हैं. चार उड़ानें बुखारेस्ट (रोमानिया) से और दो उड़ानें बुडापेस्ट (हंगरी) से आ चुकी हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि यूक्रेन की सीमा से लगे 4 देशों में विशेष दूत तैनात करने का निर्णय लिया है. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया जाएंगे, किरेन रिजिजू स्लोवाक गणराज्य, हरदीप पुरी हंगरी, वीके सिंह पोलैंड जाकर समन्वय और निकासी प्रक्रिया की निगरानी करेंगे.
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विदेश मंत्रालय का कहना है कि यूक्रेन से भारतीय नागिरकों और छात्रों के सुरक्षित निकासी के प्रयास चल रहे हैं. जमीन पर स्थिति जटिल और तरल बनी हुई है, उनमें से कुछ काफी चिंताजनक हैं, लेकिन हम अपनी निकासी प्रक्रिया में तेजी लाने में सक्षम हैं. हमारे द्वारा एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद से लगभग 8000 भारतीय नागरिक यूक्रेन छोड़ चुके हैं, संघर्ष शुरू होने के बाद से नहीं.
विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में रह रहे भारतीयों से अनुरोध किया है कि वे पश्चिम यूक्रेन जाएं, लेकिन सीधे सीमा पर न पहुंचें क्योंकि वहां भीड़ है, इसमें समय लगेगा. पास के शहरों में जाओ, वहाँ ठिकाना खोजो. हम वहां व्यवस्था कर रहे हैं, हमारी टीम आपकी मदद करेगी. घबराएं नहीं, हमारे पास पर्याप्त उड़ानें हैं.
इसके साथ ही भारत सरकार यूक्रेन में रह रहे भारतीय नागिरकों और छात्रों के अलावा यूक्रेन की जनता के प्रति भी चिंतित है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम यूक्रेन को दवाओं सहित मानवीय सहायता भेजेंगे.