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प्रतिकात्मक चित्र
जम्मूकश्मीर में धारा 370 समेत 35ए पर ऐतिहासिक फैसले के बाद 8000 सेना के जवानों को हवाई जहाज से घाटी में भेजा गया है साथ ही नौसेना को अलर्ट किया गया है. पिछले 5 दिनों में 38 000 जवानों को तैनात किया जा चुका है. पहले 10000 और बाद में 28000 जवानों को तैनात किया गया था. बता दें आज यानी सोमवार को गृहमंत्री ने धारा 370 (1) को छोड़कर बाकी सारे प्रावधान खत्म करने का संकल्प पेश कर दिया. वहीं जम्मूकश्मीर और लद्दाख को अलगअलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया.
कश्मीर-राजस्थान सीमा पर तैनाती
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक एक बड़े निर्णय के तहत पाकिस्तान सीमा पर 25 हजार जवानों की अतिरिक्त तैनाती की गई है. यह तैनाती कश्मीर समेत राजस्थान से लगती पाकिस्तान सीमा पर की गई है. जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की आशंका के मद्देनजर पहले ही सुरक्षा बलों की अतिरिक्त तैनाती की जा चुकी है. एक अनुमान के तहत राज्य में 40 कंपनी सीआरपीएफ समेत 38 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है.
धारा 370 का हटना
- इसके तहत जम्मकश्मीर को संविधान के तहत मिले विशेषाधिकार खत्म हो गए.
- अब वहां न सिर्फ एक तिरंगा फहराएगा, बल्कि जम्मूकश्मीर शेष देश के साथ मुख्यधारा में चल सकेगा.
- अब केंद्र उन मामलों में भी दखल दे सकेगा, जो संविधान के तहत मिले विशेष प्रावधानों के कारण अभी तक उसके अधिकार क्षेत्र के बाहर थे.
- इसका असर निश्चित तौर पर आतंकवाद के सफाये पर पड़ेगा.
- पाक परस्त नेताओं पर लगाम कसने में इससे मदद मिलेगी.
- आतंकवाद के चलते राज्य से पलायन करने वाले कश्मीरी पंडितों की वापसी भी सुनिश्चित हो सकेगी.
- बीजेपी ने इस तरह से उस ऐतिहासिक गलती को सुधारने का काम किया है, जिसने राज्य को दो परिवारों की बपौती बना रखा था. अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार धारा 370 के प्रावधानों का इस्तेमाल अपनेअपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए करते आए थे.
35 A हटाना
- आर्टिकल 35A को खत्म करना केंद्र सरकार के लिए चुनौती भरा होगा
- लेकिन मोदी सरकार चुनौतियों की वजह से रुकने वाली नहीं है.
- ये फैसला भारत के राष्ट्रीय हितों के लिए तो बेहद अहम होगा ही भारतीय जनता पार्टी के लिए भी राजनीतिक तौर पर यह फैसला फायदेमंद होगा.
- हालांकि, सरकार को फूंकफूंक कर कदम उठाना होगा, क्योंकि इस कदम से पाक को राज्य में भावनाएं भड़काने का मौका मिल जाएगा.
- इस अनुच्छेद के हटने से देश का कोई नागरिक राज्य में ज़मीन खरीद पाएगा, सरकारी नौकरी कर पाएगा, उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला ले पाएगा.
- महिला और पुरुषों के बीच अधिकारों को लेकर भेदभाव खत्म होगा. कोई भी व्यक्ति कश्मीर में जाकर बस सकता है.
- पश्चिम पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को मतदान का अधिकार मिलेगा.
लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश
- राज्य का 58 प्रतिशत भूभाग लद्दाख है.
- बौद्ध बहुल इस क्षेत्र में आतंकवाद का कोई नामलेवा नहीं है.
- केंद्र शासित राज्य होने से केंद्र वहां विकास को गति दे सकेगा.
- इसके जरिये वहां के नागरिकों को अब कश्मीर के नीति नियंताओं का मुंह नहीं ताकना होगा.
- हालांकि वहां विधान परिषद नहीं होगी. सिर्फ विधान सभा ही होगी.
- लद्दाख की भौगोलिक स्थितियां अलग होने से उसकी जरूरतें भी अलग हैं.
Source : News Nation Bureau