Lockdown: 78 फीसदी पेरेंट्स को बच्चों का साल बर्बाद होने की परवाह नहीं : सर्वे

इसी सर्वे के मुताबिक 7-10 साल की आयु के 10 फीसदी बच्चे आंतेप्योनॉर बनना चाहते हैं जबकि 16-17 साल की उम्र तक यह प्रतिशत 17 तक पहुंच जाता है.

author-image
Ravindra Singh
New Update
Lockdown in Maharashtra till 15th May

लॉकडाउन ( Photo Credit : सांकेतिक चित्र)

कोरोनावायरस के कारण जारी लॉकडाउन (Lockdown) आने वाले समय में पूरी तरह खोल दिया जाएगा लेकिन इसके बावजूद 78 फीसदी भारतीय पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल भेजने के पक्ष में नहीं हैं. एक सर्वे में गुरुवार को इसका खुलासा हुआ. एडटेक स्टार्टअप एसपी रोबोटिक वर्क्‍स द्वारा 3600 पेरेंट्स और इतनी ही संख्या में बच्चों पर देश के प्रमुख शहरों में कराए गए सर्वे से पता चला है कि बेंगलुरू, मुम्बई, हैदराबाद और कई मिनी मेट्रो शहरों में माता-पिता कोरोना के रिस्क के कारण अपने बच्चों को लॉकडाउन खुलने के बाद भी स्कूल नहीं भेजना चाहते.

Advertisment

सर्वे से पता चला है कि करीब 50 फीसदी बच्चों की सोनी की आदत पूरी तरह बदल चुकी है जबकि सिर्फ 13 फीसदी की स्लीप पैटर्न नियमित है. सर्वे के मुताबिक 67 फीसदी पैरेंट्स मानते हैं कि उनके बच्चों का स्क्रीन टाइम बढ़ गया है. साथ ही इसमें यह भी पता चला है कि लगभग 40 फीसदी बच्चे एक तरह की एंक्जाइटी इश्यू से प्रभावित हैं. इसी सर्वे के मुताबिक 7-10 साल की आयु के 10 फीसदी बच्चे आंतेप्योनॉर बनना चाहते हैं जबकि 16-17 साल की उम्र तक यह प्रतिशत 17 तक पहुंच जाता है.

आपको बता दें कि 24 मार्च को पीएम मोदी ने पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान कर दिया था. देश भर में लॉकडाउन के बावजूद इसके कोरोना संक्रमण का मामला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. भारत में कोरोना मरीजों की संख्या 725991 तक पहुंच चुकी है. जबकि कोरोना की चपेट में आकर अभी तक देश के 60472 लोगों की मौत हो चुकी है.

Source : News Nation Bureau

78 Percent Guardian Complete Lockdown सर्वे लॉकडाउन lockdown Survey कोरोनावायरस 78-प्रतिशत-अभिभावकों को-बच्चों-का-साल-बर्बाद-होने-की-चिंता नहीं
      
Advertisment