पश्चिम बंगाल के तीन आदिवासी बहुल जिलों- बांकुड़ा, पुरुलिया और पश्चिमी मिदनापुर में शनिवार को कुर्मी समुदाय का रेल रोको आंदोलन जारी रहने के कारण 75 ट्रेनें रद्द कर दी गईं।
5 अप्रैल को कुर्मी समुदाय के लोगों द्वारा किए गए रेल नाकाबंदी आंदोलन के कारण शनिवार को दक्षिण पूर्व रेलवे मंडल की 75 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा, जिससे आए दिन यात्रियों को भारी परेशानी हो रही है।
रेलवे के सूत्रों ने बताया कि आंदोलन के कारण पिछले चार दिनों में इस मंडल में 308 ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है। आंदोलनकारियों ने इन तीन आदिवासी बहुल जिलों से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्गो को भी अवरुद्ध कर किया।
कुर्मी समुदाय अनुसूचित जनजाति श्रेणी के तहत मान्यता की अपनी लंबे समय से चली आ रही मांग के समर्थन में आंदोलन कर रहा है। उनकी मुख्य शिकायत यह है कि स्वदेशी जनजातियों के लिए काम करने वाली राज्य सरकार की संस्था पश्चिम बंगाल कल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने अभी तक कुर्मियों को आदिम जनजाति के प्रतिनिधियों के रूप में मान्यता नहीं दी है।
समुदाय के प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार को इस मामले में एक व्यापक रिपोर्ट भेजने के प्रति संस्थान के साथ-साथ राज्य सरकार की अनिच्छा कुर्मी समुदाय को एसटी श्रेणी के तहत मान्यता देने की प्रक्रिया में बाधक रही है।
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Source : IANS