आज़ादी के 70 साल: जानें 15 अगस्त को देश आज़ाद होने के ठीक पहले क्या-क्या हुआ था, क्या थे फैसले

भारत को 15 अगस्त 1947 को आज़ादी मिली। लेकिन आज़ादी दिये जाने से पहले ब्रिटिश संसद ने एक कानून पारित कर भारत की आज़ादी की घोषणा की।

भारत को 15 अगस्त 1947 को आज़ादी मिली। लेकिन आज़ादी दिये जाने से पहले ब्रिटिश संसद ने एक कानून पारित कर भारत की आज़ादी की घोषणा की।

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pradeep tripathi
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आज़ादी के 70 साल: जानें 15 अगस्त को देश आज़ाद होने के ठीक पहले क्या-क्या हुआ था, क्या थे फैसले

भारत को 15 अगस्त 1947 को आज़ादी मिली। लेकिन आज़ादी दिये जाने से पहले ब्रिटिश संसद ने एक कानून पारित कर भारत की आज़ादी की घोषणा की। 

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ब्रिटेन की संसद ने 'भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम-१९४७' पारित किया जिसके अनुसार ब्रिटेन शासित भारत को दो भागों (भारत तथा पाकिस्तान) में विभाजित किया गया। इस कानून
को 18 जुलाई 1947 को मंज़ूरी मिली।

आइये जानते हैं कि आज़ादी मिलने वाले साल यानि 1947 को क्या घटनाएं हुईं-

जनवरी

29 जनवरी- मुस्लिम लीग ने संविधान सभा को भंग करने की मांग की।

फरवरी

20 फरवरी को ब्रिटिश प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली ने घोषणा की कि ब्रिटेन भारत को जून 1948 तक आज़ाद कर देगा। साथ ही लॉर्ड माउंटबेटेन भारत के वॉयसरॉय होंगे इसकीभी
घोषणा की।

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23 फरवरी को मोहम्मद अली जिन्ना ने घोषणा की कि मुस्लिम लीग पाकिस्तान की अपनी मांग पर एक इंच भी पीछे नहीं हटेगा।

मार्च

4-5 मार्च -लाहौर, मुल्तान और पंजाब की दूसरे शहरों में सांप्रदायिक दंगे शुरू हो गए।

12 मार्च- बिहार में भी सांप्रदायिक दंगें शुरू हो गए। महात्मा गांधी ने दंगा ग्रस्त इलाकों का दौरा किया।

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18 मार्च ब्रिटेन के प्रधानमंत्री एटली ने नव नियुक्त वॉयसरॉय को चिट्ठी लिखकर नीति और सिद्धांत भेजे। जिसके अनुसार सत्ता का हस्तांतरण किया जाना था। 

24 मार्च को माउंटबेटेन को वॉयसरॉय और गवर्नर जनरल की शपथ दिलाई गई।

31 मार्च को वॉयसरॉय और महात्मा गांधी के साथ पहले दौर की चर्चा हुई। महात्मा गांधी के साथ 5 दौर की चर्चा होनी तय थी।

अप्रैल

5 अप्रैल को जिन्ना के साथ पहले दौर की चर्चा हुई। इनके साथ 6 दौर की चर्चा होनी थी।

15-16 अप्रैल को गवर्नर्स की बैठक हुई। जिसमें सत्ता के हस्तांतरण के प्रस्ताव पर चर्चा की
गई।

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15 अप्रैल गांधी और जिन्ना ने हिंसा और अव्यवस्था को रोकने के लिये संयुक्त अपील की।

मई

1 मई को जवाहर लाल नेहरू ने हाल की घटनाओं पर कांग्रेस कार्य समिति की प्रतिक्रियाओं की जानकारी माउंटबेॉन को दीं।

18 मई माउंटबेटन लंदन के लिये रवाना होते हैं ताकि कैबिनेट के साथ सत्ता के हस्तांतरण को लेकर चर्चा कर सकें

जून

30 जून को माउंटबेटन लंदन से दिल्ली वापस आ जाते हैं

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2 जून को माउंटबेटन भारतीय नेताओं से मुलाकात करते हैं और उन्हें बंटवारे की योजना के बार में बताते हैं।

3 जून को नेहरू, बलदेव सिंह और जिन्ना ने बंटवारे की योजना के बारे में ऑल इंडिया रेडियो पर जनता को जानकारी दी

4 जून को माउंटबेटन ने बंटवारे के बारे में प्रेस कांफ्रेंस किया 

5-7 जून को माउंटबेटन ने बंटवारे पर भारतीय नेताओं और कैबिनेट से बातचीत की

12 जून को पार्टीशन कमेटी की पहली बैठक हुई

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20 जून को बंगाल विधनसभा में वोटिंग हुई और बंगाल के बंटवारे पर फैसला दिया।

जुलाई

4 जुलाई को भारतीय स्वाधीनता बिल प्रकाशित किया गया

16 जुलाई को अंतरिम सरकार की अंतिम बैठक हुई

18 जुलाई को भारतीय स्वाधीनता बिल को महारानी की मंज़ूरी मिली

19 जुलाई को एक्ज़ेक्यूटिव काउंसिल (ट्रांज़िशनल प्रोविज़न) आदेश के तहत अंतरिम सरकार  को भारत और पाकिस्तान दो हिस्सों में बांटने के फैसले को प्रकाशित किया गया।

अगस्त

11 अगस्त जिन्ना को पाकिस्तान की संविधान सभा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

14 अगस्त कराची में पाकिस्तान की आज़ादी का जश्न मनाया गया। वायसरॉय ने पाकिस्तान की संविधान सभा को संबोधित किया

14-15 अगस्त आधी रात में सत्ता का हस्तांतरण किया गया

15 अगस्त को जिन्ना को पाकिस्तान के गवर्नर जनरल के तौर पर शपथ दिलाई गई।  माउंटबेटन को भारत के गवर्नर जनरल के तौर पर शपथ दिलाई गई। भारत में आज़ादी का
जश्न मनाया गया।

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Source : News Nation Bureau

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