आजादी के 70 सालः शहीद शिवराम राजगुरु के बारे में जानिए 10 मुख्य बातें

शहीद राजगुरु का पूरा नाम 'शिवराम हरि राजगुरु' था। राजगुरु का जन्म 24 अगस्त, 1908 को पुणे ज़िले के खेड़ा गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम 'श्री हरि नारायण' और माता का नाम 'पार्वती बाई' था।

author-image
desh deepak
एडिट
New Update
आजादी के 70 सालः शहीद शिवराम राजगुरु के बारे में जानिए 10 मुख्य बातें

शहीद शिवराम राजगुरु

शहीद राजगुरु का पूरा नाम 'शिवराम हरि राजगुरु' था। राजगुरु का जन्म 24 अगस्त, 1908 को पुणे ज़िले के खेड़ा गाँव में हुआ था। उनके पिता का नाम 'श्री हरि नारायण' और माता का नाम 'पार्वती बाई' था।

Advertisment

राजगुरू को भी 23 मार्च 1931 की शाम सात बजे लाहौर के केंद्रीय कारागार में उनके दोस्तों भगत सिंह और सुखदेव के साथ फ़ाँसी पर लटका दिया गया।

आईए जानते हैं कि उनके बारे में 10 मुख्य बातें:

1. राजगुरु सिर्फ सोलह साल की उम्र में  हिंदुस्तान रिपब्ल‍िकन आर्मी में शामिल हो गये। उनका और उनके साथियों का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश अधिकारियों के मन में खौफ पैदा करना था। साथ ही वे घूम-घूम कर लोगों को जागरूक करते थे और जंग-ए-आजादी के लिये जागृत करते थे।

2. राजगुरु का मानना था कि अगर कोई एक गाल में मारे तो सामने वाले को दोनों गाल पर मारना चाहिये और किसी भी तरह का अन्याय नहीं सहना चाहिये इसलिए वे महात्मा गांधी के विचार के विरुद्ध रहते थे, महात्मा गांधी और राजगुरु के विचार आपस में मेल नहीं खाते थे।

3. राजगुरु लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के विचारों से बहुत प्रभावित थे। 1919 में जलियांवाला बाग़ में जनरल डायर के नेतृत्व में किये गये भीषण नरसंहार ने राजगुरु को ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ बागी और निर्भीक बना दिया तथा उन्होंने उसी समय भारत को विदेशियों के हाथों आज़ाद कराने की प्रतिज्ञा ली।

4. 1924 में पन्द्रह वर्ष की आयु में राजगुरु लगातार छः दिनों तक पैदल चलते हुये बनारस पहुँचे। राजगुरु ने काशी (बनारस) पहुँचकर एक संस्कृत विद्यालय में प्रवेश लिया और वहाँ संस्कृत का अध्ययन करने लगे।

और पढ़ेंः आजादी के 70 सालः एक ऐसा क्रान्तिवीर और देशभक्त जो 24 साल की उम्र में हो गया शहीद

5. राजगुरु ने भगत सिंह के साथ मिलकर 19 दिसंबर 1928 को सांडर्स को गोली मारी थी। राजगुरु ने 28 सितंबर, 1929 को एक गवर्नर को मारने की कोशिश की थी जिसके अगले दिन उन्हें पुणे से गिरफ़्तार कर लिया गया था। राजगुरु पर 'लाहौर षड़यंत्र' मामले में शामिल होने का मुक़दमा भी चलाया गया।

6. 1924 में राजगुरु का क्रांतकारी दल से सम्पर्क हुआ और एच एस आर ए  के कार्यकारी सदस्य बनें।

7. एक पुलिस ऑफिसर की हत्या करने के बाद राजगुरु नागपुर में जाकर छिप गये। वहां उन्होंने आरएसएस कार्यकर्ता के घर पर शरण ली। वहीं पर उनकी मुलाकात डा केबी हेडगेवर से हुई, जिनके साथ राजगुरु ने आगे की योजना बनायी।

8. आगे की योजना बनाने के लिए राजगुरू को पुणे जाते वक्त पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

9. राजगुरू को भी 23 मार्च 1931 की शाम सात बजे लाहौर के केंद्रीय कारागार में उनके दोस्तों भगत सिंह और सुखदेव के साथ फ़ांसी पर लटका दिया गया।

10. इन तीनों क्रांतिकारियों का दाह संस्कार पंजाब के फिरोज़पुर जिले में सतलज नदी के तट पर हुसैनवाला में किया गया।

और पढ़ेंः नमक कानून के खिलाफ गांधी जी का दांडी मार्च, जिसने ब्रिटिश राज को हिला कर रख दिया

Source : News Nation Bureau

martyred shivram rajguru martyred rajguru 70 years of Independence
      
Advertisment