असम की स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) में 105 करोड़ रुपये के कथित घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए छह लोगों को गुरुवार को यहां एक विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया गया।
गिरफ्तार किए गए लोगों में कांग्रेस पार्टी के नेता राजेश जोशी, लखीनारायण सोनोवाल, जयंत लहकर, रमीजुद्दीन अहमद, सारंगा मोरे और रुबुल अली शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री के विशेष सतर्कता सेल ने बुधवार को इन्हें गिरफ्तार किया था।
जोशी निलंबित एससीईआरटी निदेशक सेवाली देवी सरमा के दामाद हैं, जबकि सोनोवाल एससीईआरटी के सेवानिवृत्त उप निदेशक हैं। अन्य तीन एससीईआरटी के कर्मचारी हैं।
बुधवार सुबह लंबी पूछताछ के बाद मामले के सभी संदिग्धों को हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद सभी को मेडिकल जांच के लिए भेजा गया।
सूत्रों के अनुसार कथित 105 करोड़ के एससीईआरटी घोटाले में ओपन डिस्टेंस लनिर्ंग (ओडीएल) प्रणाली के माध्यम से डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डी.ईआई.ईडी) पाठ्यक्रम प्रदान करने की आड़ में पैसा खर्च करना शामिल है। कथित वित्तीय उल्लंघन कथित तौर पर साल 2017 और 2022 के बीच हुआ।
सूत्रों के मुताबिक, सरमा ने अधिकांश ठेके अपने ससुराल वालों सहित अपने रिश्तेदारों को दिए। इनमें से कई कंपनियों के जीएसटी नंबर फर्जी थे।
सरमा पर आरोप है कि उन्होंने पहले कंपनी के बैंक खातों से दूसरे कर्मचारियों के खातों में पैसे भेजे, फिर उनके खातों से पैसे निकाल लिए।
इसके अतिरिक्त, यह भी सामने आया है कि उन्होंने ओपन डिस्टेंस लनिर्ंग के लिए डी.ईआई.ईडी. कोर्स के 347 केंद्र खोलकर नियमों और विनियमों को तोड़ा है, जो कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा अधिकृत किए गए केंद्रों से 288 अधिक हैं।
कथित तौर पर फर्जी केंद्रों ने इनमें से अधिकांश को बनाया है। जांच अभी चल रही है। दुरूपयोग के प्रकार और अन्य लोगों की संलिप्तता की संख्या के बारे में अधिक जानकारी प्रदान करने का अनुमान है।
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Source : IANS