राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल (NSA Ajit Doval) के आवास 5 जनपथ पर चल रही धर्म गुरुओं (Religious Leaders) की बैठक खत्म हो गई है यह बैठक सुबह 11:00 बजे से लेकर शाम 4:00 बजे तक चली करीब 50 धर्मगुरुओं (50 Religious Leaders) ने हिस्सा लिया. बैठक के बाद धार्मिक नेताओं ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि बातचीत ने सभी समुदायों के बीच भाईचारे की भावना को बनाए रखने के लिए शीर्ष धार्मिक नेताओं के बीच संचार को मजबूत करने में मदद की. योग गुरु राम देव ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि, 'कुछ मुस्लिम भाइयों ने फैसले को लेकर अपनी आपत्तियां बताई है, पर सभी सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को मानने के लिए तैयार हैं. आज की बैठक बहुत सकारात्मक माहौल में हुई.'

वहीं सैयद फरीद अहमद निजामी दरगाह हजरत निजामुद्दी के जनरल सेक्रेटरी ने बैठक के बाद हमारे सहयोगी चैनल न्यूज नेशन को बताया कि, 'हमें उम्मीद है कि अयोध्या निर्णय के बाद हिंदू मुस्लिम के बीच पुराना मतभेद खत्म हो जाएगा. देश में अमन की नई आशा पैदा होगी जो भी फैसला आया है हम सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले का तहे दिल से सम्मान करते हैं. मैं सूफी परंपरा को मानने वाला व्यक्ति हूं हमारे यहां हिंदू मुसलमान में भेद नहीं किया जाता, इसी विचारधारा की जरूरत हिंदुस्तान को है.'
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हैदराबाद से हिंदू धर्म गुरु और स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी के संचालक चीना जीआर ने हमारे सहयोगी चैनल न्यूज़ नेशन को बताया, 'आज की बैठक बहुत सकारात्मक रही बैठक अजीत डोभाल की तरफ से बुलाई गई थी. पहली बार ऐसा हुआ है कि करीब 50 धर्म गुरुओं को एक साथ बुलाया गया हो, इस तरह की बैठक से हिंदू और मुस्लिम धर्मगुरु एक दूसरे की विचारधारा को ज्यादा अच्छे से समझ सकते हैं. ऐसी बैठक कि भविष्य में भी हो सकती है. आज की बैठक में राम मंदिर ट्रस्ट निर्माण और मस्जिद के लिए 5 एकड़ भूमि को लेकर चर्चा नहीं की गई. सिर्फ सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद की स्थिति पर विवेचना हुई.'
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इसके पहले अयोध्या पर सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के निर्णय आने के ठीक 24 घंटे बाद यानी रविवार सुबह 11:00 बजे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA Chief) अजीत डोभाल के निवास 5 जनपथ रोड पर अयोध्या फैसले के बाद की स्थिति पर मंथन करने के लिए बैठक शुरू हो गई थी. इसमें मुस्लिम पक्ष (Muslim Clerics) से शिया और सुन्नी धर्मगुरु के अलावा जमीयत उलेमा ए हिंद, दारुल उलूम, देवबंद और बरेलवी पंथ के बड़े धर्मगुरु मौजूद थे. हिंदू पक्ष (Hindu Priests) से अयोध्या से जुड़े धर्मगुरु, पतंजलि से बाबा रामदेव और विभिन्न राज्यों से आए हुए हिंदू धर्म के बड़े धर्मगुरु भी बैठक में भाग ले रहे थे. इस बैठक का मकसद विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों की ओर से अयोध्या मसले के बाद पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ओर से देश के बड़े शहरों में आतंकवादी हमलों के इनपुट पर भी चर्चा करना था.