डेटा संरक्षण विधेयक पर जेपीसी से पांच मंत्री, क्या अहम रिपोर्ट तैयार?

डेटा संरक्षण विधेयक पर जेपीसी से पांच मंत्री, क्या अहम रिपोर्ट तैयार?

डेटा संरक्षण विधेयक पर जेपीसी से पांच मंत्री, क्या अहम रिपोर्ट तैयार?

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति के पांच सदस्यों को केंद्रीय मंत्रिपरिषद से शामिल किया गया है। हालांकि, सवाल यह है कि क्या बिग टेक प्रतिनिधि के साथ कई सुनवाई के बाद मुख्य पैनल की रिपोर्ट मानसून सत्र में प्रस्तुत करने के लिए तैयार है?

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पैनल अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने विदेश राज्य मंत्री और संस्कृति राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला है, जबकि ओडिशा के राज्यसभा सदस्य अश्विनी वैष्णव ने रविशंकर प्रसाद की जगह इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी और रेलवे मंत्रालय का कार्यभार संभाला है।

डेटा संरक्षण बिल समिति के सदस्य राजीव चंद्रशेखर कौशल विकास और उद्यमिता, और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री हैं।

एक अन्य पैनल सदस्य अजय भट्ट को रक्षा और पर्यटन राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया है।

2010 से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव को केंद्रीय मंत्रिमंडल में पदोन्नत करने को एक भरोसेमंद संगठन व्यक्ति होने के पुरस्कार के रूप में देखा जा रहा है।

नई दिल्ली स्थित साइबर कानून विशेषज्ञ विराग गुप्ता के अनुसार, कैबिनेट फेरबदल परिदृश्य डेटा संरक्षण कानून पर दो प्रासंगिक प्रश्न उठाता है जिसकी भारत में तत्काल आवश्यकता है।

गुप्ता ने आईएएनएस को बताया, सबसे पहले, मंत्री संसदीय समितियों की सदस्यता या अध्यक्षता नहीं कर सकते हैं, इसलिए डेटा संरक्षण पर जेपीसी में फेरबदल की आवश्यकता हो सकती है, यदि इसकी रिपोर्ट अभी तक प्रस्तुत नहीं की गई है।

दूसरा, ऐसी खबरें थीं कि यह विधेयक संसद के मानसून सत्र में चर्चा के लिए आ सकता है, लेकिन अगर जेपीसी में फेरबदल किया जाता है, तो क्या इससे संसद द्वारा डेटा संरक्षण कानून पारित करने में और देरी होगी?

दिसंबर 2019 में गठित, व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक समिति की संयुक्त संसदीय समिति में 18 सदस्य हैं, जिसमें 19 लोकसभा से और नौ राज्यसभा से हैं।

पैनल ने आज तक विभिन्न सुनवाई में ट्विटर, फेसबुक, गूगल और ई-कॉमर्स प्रमुख अमेजन के भारत के प्रतिनिधियों को तलब किया है।

समिति को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए आगामी मानसून सत्र तक का समय दिया गया था।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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