महाराष्ट्र के नागपुर में अस्पताल (Nagpur Hospital) में भर्ती कोरोना वायरस के पांच संदिग्ध मरीज अस्पताल से भाग गए हैं. इस घटना के बाद से शहर में अलर्ट घोषित कर दिया गया है और मरीजों की तलाश की जा रही है. पांचों मरीज नागपुर के इंदिरा गांधी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायो) में भर्ती थे. मरीजों के अस्पताल में भागने की खबर के बारे में जोनल डीसीपी राहुल मकनिकर ने बताया, पुलिस को हाई अलर्ट कर दिया गया है और पूरे शहर में नाकेबंदी कर दी गई है. बता दें कि भारत (India) में कोविड-19 (COVID-19) के संक्रमण से अबतक दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 82 लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं.
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महाराष्ट्र में अब तक कोरोना वायरस के 17 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है और दुनिया भर में अब तक करीब 5000 लोगों की मौत हो चुकी है. दुनियाभर में इस महामारी से 1,34,300 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं. भारत में भी दो लोगों की मौत हो चुकी है और 82 लोग संक्रमित हैं.
नॉवेल कोरोना वायरस का अध्ययन कर रहे अनुसंधानकर्ताओं को पता चला है कि व्यक्ति से व्यक्ति में संक्रमण फैलने में एक हफ्ते से कम का वक्त लगता है और करीब 10 प्रतिशत मरीजों में यह संक्रमण वायरस से प्रभावित ऐसे व्यक्ति से फैलता है जिसमें अब तक लक्षण नजर आने शुरू भी नहीं हुए हैं. यह ऐसी खोज है जो इस महामारी को रोक पाने में जन स्वास्थ्य अधिकारियों की मदद कर सकती है.
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इस अध्ययन में वायरस से संक्रमित दो लोगों - वह व्यक्ति जो दूसरे को संक्रमित करता है और दूसरा संक्रमित होने वाला अन्य व्यक्ति- में लक्षण नजर आने में लगने वाले समय को माप कर कोरोना वायरस के सिलसिलेवार अंतराल का अनुमान लगाया गया है. यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास समेत अन्य विश्वविद्यालयों के अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के एक व्यक्ति से दूसरे में फैलने के बीच में औसतन चार दिन का समय लगा था.
उनका कहना है कि महामारी फैलने की गति दो बातों पर निर्भर करती है- एक व्यक्ति अन्य कितने लोगों को संक्रमित करता है और दूसरा अन्य सभी व्यक्तियों में इसे फैलने में कितना वक्त लगता है. वैज्ञानिकों का कहना है कि पहली स्थिति को प्रतिकृति संख्या और दूसरी को सिलसिलेवार अंतराल कहा जाता है. कोरोना वायरस के कारण होने वाली बीमारी कोविड-19 का सिलसिलेवार अंतराल कम होने की वजह से प्रकोप तेजी से बढ़ेगा और इसे रोकना मुश्किल होगा.
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यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस से सह-अनुसंधानकर्ता लॉरेन एंसेल मेयर्स ने कहा, “इबोला का सिलसिलेवार अंतराल कई हफ्ते था जिसे कुछ दिनों के अंतराल वाले इंफ्लुएंजा से रोकना ज्यादा आसान है.” मेयर्स ने कहा कि डेटा से पता चलता है कि कोरोना वायरस फ्लू की तरह फैल सकता है और इसका मतलब है कि उभरते खतरे से निपटने के लिए हमें ज्यादा तेजी एवं आक्रामकता से बढ़ना होगा.
Source : News Nation Bureau