सर्वेक्षण में 45 फीसदी लोगों ने रिश्वत देने की बात स्वीकारी

लगभग 45 फीसदी उत्तरदाताओं ने स्वीकार किया कि अपना काम पूरा कराने के लिए पिछले 12 महीनों में उन्होंने कम से कम एक बार रिश्वत का भुगतान किया है।

लगभग 45 फीसदी उत्तरदाताओं ने स्वीकार किया कि अपना काम पूरा कराने के लिए पिछले 12 महीनों में उन्होंने कम से कम एक बार रिश्वत का भुगतान किया है।

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Aditi Singh
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सर्वेक्षण में 45 फीसदी लोगों ने रिश्वत देने की बात स्वीकारी

ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल इंडिया द्वारा किए गए एक ऑनलाइन सर्वेक्षण के मुताबिक लगभग 45 फीसदी उत्तरदाताओं ने स्वीकार किया कि अपना काम पूरा कराने के लिए पिछले 12 महीनों में उन्होंने कम से कम एक बार रिश्वत का भुगतान किया है।

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ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल इंडिया ने यह सर्वेक्षण सोशल नेटवर्क लोकलसर्कल के सहयोग से किया। ऑनलाइन सर्वेक्षण में देश के 11 राज्यों के 34,696 भागीदारों को शामिल किया गया था। उनसे 'पिछले 12 महीनों में भ्रष्टाचार के स्तर में बदलाव' के बारे में क्या समझ रखते हैं, इसकी जानकारी ली गई। जिनमें से 11 राज्यों के 12,964 (37 प्रतिशत उत्तरदाताओं) ने माना कि इस अवधि के दौरान भ्रष्टाचार में वृद्धि हुई है।

सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 15,622 लोगों (लगभग 45 प्रतिशत) का मानना था कि यह स्थिर बना रहा।

सर्वेक्षण में लगभग 4,873 लोगों (लगभग 14 प्रतिशत) ने कहा कि इस अवधि में भ्रष्टाचार कम हो गया है, जबकि सर्वेक्षण में शामिल 1,235 (चार प्रतिशत) ने जवाब दिया कि वे संभावित रूप से नहीं कह सकते हैं कि भ्रष्टाचार के स्तर में वृद्धि/कमी हुई है।

सर्वेक्षण के मुताबिक, दो अलग-अलग समानांतर सर्वेक्षणों में, 51 प्रतिशत भागीदारों ने जवाब दिया कि उनके राज्य ने पिछले वर्ष में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया, जबकि 45 प्रतिशत ने कहा कि उन्होंने पिछले 12 महीनों में अपना काम पूरा कराने के लिए कम से कम एक बार रिश्वत का भुगतान किया है।

सर्वे में 37 फीसदी लोगों को लगता है कि भ्रष्टाचार बढ़ा है, जबकि 14 फीसदी का मानना है कि इसमें गिरावट हुई है। वहीं 45 फीसदी का मानना है कि यथास्थिति बनी हुई है।

Source : IANS

Transparency International
      
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