जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में लगातार आतंकी हमला और एनकाउंटर जारी है. पांच दिनों में 45 जवान शहीद हो गए हैं. सोमवार सुबह पुलवामा के पिंगलिना में आतंकवादी और सुरक्षा बलों के बीच एनकाउंटर हुआ, जिसमें एक मेजर समेत चार जवान शहीद हो गए. मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए खुली छूट दे दी है.
गौरतलब है कि जम्मू एवं कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में एक आत्मघाती हमलवार ने पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस से टकरा दी और उसमें विस्फोट कर दिया. इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के कम से कम 40 जवान शहीद हुए हैं. इसके बाद दो दिन बाद जम्मू कश्मीर के रजौरी जिले में नियंत्रण रेखा पर बारूदी सुरंग के विस्फोट में मेजर चित्रेश सिंह बिष्ट शहीद हो गए. मेजर बिष्ट विस्फोटकों की छानबीन के लिए गठित एक बम निष्क्रिय दस्ते की अगुवाई कर रहे थे. इसी दौरान हुए विस्फोट में वो शहीद हो गए.
पुलवामा हमले के पांच दिन बाद पिंगलान इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर और सेना के बीच मुठभेड़ हो गई. इसमें करीब चार जवान शहीद हो गए. जैश के दो कमांड गाजी राशिद और कामरान एक घर में छुपकर सेना पर फायरिंग कर रहे थे. हालांकि, सेना की जवाबी कार्रवाई में दोनों आतंकवादी मारे गए. अंत में पुलिस ने उस घर ही उड़ा दिया, जहां ये आतंकी छुपे हुए थे. बताया जा रहा कि गाजी और कामरान पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड थे. इस तरह पिछले पांच दिनों में हमारे 45 जवानों को बलिदान देनी पड़ी. अब देश की जनता पूछ रही है कि आखिर कब इन जवानों की शहादत का बदला लिया जाएगा. पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने का समय आ गया है.
Source : News Nation Bureau