अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले लगभग 400 भारतीय छात्रों ने जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ की गई पुलिस कार्रवाई की निंदा की है. अमेरिका में पढ़ने वाले छात्रों ने पुलिस कार्रवाई को मानवाधिकारों का घोर हनन बताया है. छात्रों ने मंगलवार को अपने व विश्वविद्यालय के नाम के साथ हस्ताक्षर किए हुए एक विस्तृत विवरण में भारतीय विश्वविद्यालयों के छात्रों के साथ पूर्ण एकजुटता व्यक्त की है. जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अलावा देशभर के विभिन्न संस्थानों के छात्र हाल ही में पारित किए गए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों ने इस कानून को असंवैधानिक और भेदभावपूर्ण बताया है.
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हार्वर्ड लॉ स्कूल से झलक एम. कक्कड़ के माध्यम से जारी बयान में कहा गया है, "जामिया और एएमयू में पुलिस व अर्धसैनिक बलों ने हिंसा का इस्तेमाल किया है. भारत और अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के तहत प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गैरकानूनी और लापरवाह रणनीति अपनाई गई है."जिन संस्थानों के छात्रों और पूर्व छात्रों के समूह ने बयान पर हस्ताक्षर किए हैं, उनमें हार्वर्ड विश्वविद्यालय, कोलंबिया विश्वविद्यालय, येल विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय, मिशिगन विश्वविद्यालय, शिकागो विश्वविद्यालय, ब्राउन विश्वविद्यालय, जॉर्ज टाउन विश्वविद्यालय शामिल हैं.
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इसके अलावा अन्य विश्वविद्यालयों में पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय, टफ्ट्स विश्वविद्यालय, जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय, कॉर्नेल विश्वविद्यालय, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले पर्डयू विश्वविद्यालय, कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय, दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय और इलिनोइस विश्वविद्यालय शामिल हैं. एकजुटता के हिस्से के रूप में, सीएए और एनआरसी के खिलाफ 17 दिसंबर को हार्वर्ड में विरोध सभाओं का आयोजन किया जा रहा है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो