पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया-ANI
16 दिसंबर 2012 भारत के इतिहास में हमेशा ही काले अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। आज ही के दिन साल 2012 में निर्भया के साथ एक बस के अंदर गैंगरेप किया गया था।
चार साल बाद शुक्रवार यानी 16 दिसंबर को आज फिर एक और लड़की रेप का शिकार हुई। दिल्ली के मोतीबाग इलाके में कार में लड़की का रेप किया गया।
Girl allegedly raped in a car in Delhi's Moti Bagh, accused has been arrested by the police
— ANI (@ANI_news) December 16, 2016
आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है। जिस कार के अंदर लड़की का रेप किया गया उस कार पर गृह मंत्रालय का स्टिकर भी लगा हुआ है।
Girl allegedly raped in a car in Delhi's Moti Bagh: Accused arrested, car bearing MHA sticker seized pic.twitter.com/bdDJOZ3lLc
— ANI (@ANI_news) December 16, 2016
पुलिस के मुताबिक, पीड़ित युवती नोएडा की रहने वाली है। बुधवार को नौकरी की तलाश में वह दिल्ली आई थी। दिन भर नौकरी की तलाश के बाद रात तकरीबन 9 बजे वह घर जाने के लिए एम्स के पास बस का इंतजार कर रही थी, तभी एक लग्जरी कार युवती के पास आकर रुकी। कार चालक ने युवती से कहा कि काफी रात हो गई है इसलिए वो उसे नोएडा छोड़ने देगा। युवती को लगा कि वो जल्दी घर पहुंच जायेगी।
महिला ने आरोप लगाया है कि देर रात 11 बजे से 12 बजे के बीच मोतीबाग के पास आरोपी ने अपनी गाड़ी खड़ी की और फिर डरा धमकाकर रेप की वारदात को अंजाम दिया। किसी तरह लड़की पुलिस के पास पहुंची।
पुलिस फौरन मौका-ए-वारदात पर पहुंची लेकिन तब तक आरोपी वहां से भाग चुका था। पुलिस ने बिना किसी देरी के आरोपी की तलाश शुरु की और देर रात ही आरोपी को उसके एक दोस्त के घर से गिरफ्तार कर लिया।
चार साल पहले आज ही के दिन छह लोगों ने राजधानी दिल्ली के एक चलती बस में निर्भया के साथ दरिंदगी की थी और बाद में कापसहेड़ा की सड़कों पर फेक दिया था। निर्भया कुछ दिनों तक डॉक्टर्स के नेतृत्व मे जिंदगी और मौत से जूझती रही और फिर दुनिया से रुख़सत हो गई।
इस घटना के बाद जैसे पूरे भारत में लोगों के गुस्से का सैलाब उमड़ा। दिल्ली की सड़कों पर लोग देश के अलग अलग हिस्सों से जमा होकर आरोपियों के लिए सख्त से सख्त सजा की मांग करते हुए प्रदर्शन करने लगे।
इस घटना ने देश की राजनीति को भी हिलाकर रख दिया। लेकिन चार साल बाद एक बार फिर से वही सवाल लोगों के सामने खड़ा है कि इन चार सालों में देश में हालात कितने बदले हैं। क्या देश की महिलाएं सुरक्षित हुईं हैं, देश अगर छोड़ भी दें तो कम से कम राजधानी दिल्ली की महिलाएं सुरक्षित हुईं हैं।