देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कांफ्रेंस चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि देश की सबसे बड़ी अदालत में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस पर सभी तबकों से तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।
जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसफ ने जस्टिस जे चेलमेश्वर के घर पर प्रेस कांफ्रेंस की।
सुप्रीम कोर्ट के चारों जजो ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा पर सवाल उठाते हुए कहा कि CJI को सुधारात्मक कदम उठाने के लिए कई बार मनाने की कोशिश की गई, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे प्रयास विफल रहे।
जस्टिस जे चेलमेश्वर ने संस्था के गिरते स्तर और हो रहे समझौतों को लेकर नाराज़गी जताई है।
उन्होंने कहा, 'इस देश और संस्था के प्रति ये हमारी जिम्मेदारी बनती है। इस संस्था को बचाने को लेकर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को समझाने के हमारे सारे प्रयास विफल हुए हैं।'
इस मसले पर वरिष्ठ वकील के टीएस तुलसी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'काफी चौंकाने वाला है। जरूर कोई बड़ा कारण रहा होगा कि इतने सीनियर जजों को ये रास्ता अख्तियार करना पड़ा। उनकी पीड़ा देखी जा सकती है।'
वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, 'जब देश के हित खतरे में हों तो सामान्य नियमों को नहीं लागू किया जा सकता है।'
कांग्रेस नेता और सुप्रीम कोर्ट के वकील सलमान खुर्शीद ने इसे दुखद करार दिया है और कहा है कि देश की सबसे बड़ी अदालत के जजों को मजबूर होना पड़ा है इस तरह की प्रेस कांफ्रेंस करने के लिये।
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बीजेपी के नेता और सांसद सुब्रह्मनियम स्वामी ने कहा, 'वे ऐसे ही नहीं बोल रहे उन्हें पैसे कमाना होता तो वो जज नहीं बनते। हमें उनका सम्मान करना चाहिये। प्रधानमंत्री को कोशिश करनी चाहिये कि चारों जज और चीफ जस्टिस और पूरी सुप्रीम कोर्ट एक सुर में बात करें।'
वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'ये निश्चित तौर पर गंभीर मामला है इससे चीफ जस्टिस की छवि पर धब्बा लगा है। किसी न किसी को इस पर बोलना था, चीफ जस्टिस अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।'
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Source : News Nation Bureau