इराक के मोसुल में 2014 में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) द्वारा अगवा किए गए 39 भारतीयों की मौत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा पुष्टि होने के बाद मृतकों के परिवारवाले सदमे में हैं।
मोसुल में मारे गए लोगों में 27 पंजाब के, बिहार के छह, चार हिमाचल प्रदेश के और पश्चिम बंगाल के लोग थे। बताया गया कि ये सभी मजदूर थे और इन्हें मोसुल में इराक की एक कंपनी में नियुक्त किया गया था।
पंजाब और बिहार में मृतकों के परिवार का इस खबर को सुनने के बाद रो रोकर बुरा हाल है। कुछ परिवारवालों का यह भी मानना है कि सरकार ने यह बताने में देरी की है।
इराक में 39 लोगों में मारे गए लोगों में एक अमृतसर के मनजिंदर सिंह की बहन गुरपिंदर कौर ने कहा, 'पिछले चार साल से विदेश मंत्रालय मुझे कह रही थी कि वे जिंदा हैं, नहीं जानती कि अब किस पर विश्वास किया जाय। मैं उनसे (सुषमा स्वराज) से सूचना मिलने का इंतजार कर रही थी, हमने आज संसद में उनके बयान के बाद जाना।'
वहीं जालंधर के देविंदर सिंह की पत्नी ने रोते हुए कहा, 'मेरे पति 2011 में इराक गए थे और अंतिम बार मैंने उनसे 15 जून 2014 को बात की थी। हमें हमेशा बताया गया कि वे जिंदा हैं। हमारी सरकार से कोई मांग नहीं है।'
बिहार के सीवान के रहने वाले मृतक विद्या भूषण तिवारी के चाचा पुरुषोत्तम तिवारी ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि अब क्या बोलूं। 2014 से मैं सरकार से निवेदन कर रहा था कि किसी भी तरह उसे वापस लाएं और आज वे कह रहे हैं कि वह जिंदा नहीं है।'
वहीं मोसुल से बच कर लौट जाने वाले एक युवक हरजित मासी ने कहा, 'मैंने सच कहा था कि 39 भारतीय मारे जा चुके हैं। सरकार 39 मृतक व्यक्तियों के परिवारों को भटका रही थी।'
बता दें कि इससे पहले सुषमा स्वराज ने हरजीत मासी के दावों को भी खारिज कर दिया था और कहा था कि उनके पास ठोस सबूत है कि वह झूठ बोल रहा है।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा के रहने वाले मृतक राजेश चांद के पिता ने कहा, 'वह 2013 में इराक गया था। वह मुझसे हर शुक्रवार को बात करता था। सरकार कहती रही कि वे सभी सुरक्षित हैं। मैं उनसे क्या मांग करूं? मैं पहले से उसे खो चुका हूं।'
साल 2014 में जब आईएस ने इराक के दूसरे सबसे बड़े शहर मोसुल को अपने कब्जे में लिया था, तब इन भारतीयों को बंधक बना लिया गया था।
मंगलवार को राज्यसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इसकी पुष्टि की और कहा कि मृतकों के अवशेष को विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह भारत लेकर आएंगे।
सुषमा ने कहा, 'जनरल वी के सिंह इराक जाकर भारतीयों के अवशेष वापस लाएंगे। अवशेष लाने वाला विमान पहले अमृतसर पहुंचेगा, फिर पटना और उसके बाद कोलकाता जाएगा।'
उन्होंने कहा कि रडार की मदद से भारतीयों के शवों का पता लगाया गया। शवों को कब्रों से निकाला गया और डीएनए जांच के जरिए पहचान की पुष्टि हो सकी है।
इससे पहले पिछले साल जुलाई 2017 में सुषमा ने कहा था कि वह ठोस सबूत के बिना 39 भारतीयों को मृत घोषित नहीं करेंगी।
और पढ़ें: इराक में भारतीयों की मौत को लेकर सुषमा ने लगाया कांग्रेस पर घटिया राजनीति का आरोप
HIGHLIGHTS
- आईएस द्वारा अगवा किए गए 39 भारतीयों की मौत की विदेश मंत्री ने की पुष्टि
- विदेश मंत्री ने कहा कि डीएनए जांच के जरिए पहचान की पुष्टि हो सकी है
- 2017 में सुषमा ने कहा था कि वह ठोस सबूत के बिना 39 भारतीयों को मृत घोषित नहीं करेंगी
Source : News Nation Bureau