पिछले एक साल में ड्यूटी पर तैनात 383 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं जिसमें बीएसएफ के 56 और 42 जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान शामिल हैं।
इटेलीजेंस ब्यूरो के निदेशक राजीव जैन ने बाताया, 'सितंबर 2016 से लेकर अगस्त 2017 के बीच देश के विभिन्न भागों में अपनी ड्यूटी निभाते हुए 383 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं। काम करते हुए हैं।'
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस के 76, बीएसएफ के 56, सीआरपीएफ के 49, जम्मू-कश्मीर के 42, छत्तीसगढ़ के पुलिस के 23, पश्चिम बंगाल के 16, सीआईएसएफ 13, दिल्ली पुलिस के 13 कर्नाटक 12 और बिहार के 12 पुलिसकर्मी मारे गए हैं। जबकि आईटीबीपी के 11 जवान मारे गए हैं।
पुलिस कमेमोरेशन डे पर आयोजित एक समारोह में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
इनमें से ज्यादातर पुलिसकर्मियों की मौत सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से की गई फायरिंग में हुई है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद और नक्सल प्रभावित इलाकों में नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हुए हैं। इसके अलावा कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिये हुई झड़पों में भी पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं।
और पढ़ें: CWC की अगले हफ्ते बैठक, राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने पर होगा फैसला
1959 में चीनी सैनिकों के हमले में मारे गए 10 पुलिसकर्मियों और दूसरे 34,400 पुलिसकर्मियों की शहादत को याद करने के लिये कार्यक्रम आयोजित किया गया।
पुलिस कमेमोरेशन डे उन 1959 में 10 पुलिसकर्मियों की शहादत के लिये मनाया जाता है, जिन्होंने देश की सीमा की रक्षा करते हुए शहीद हो गए थे।
उस समय 1959 तक भारत और तिब्बत की 2,500 किलोमीटर की सीमा की रक्षा भारतीय पुलिस के जवान किया करते थे।
भारत की आज़ादी से लेकर अभी तक 34,418 पुलिसकर्मियों ने देश की सुरक्षा और एकता के लिये अपनी कुर्बानी दी है।
और पढ़ें: बाम्बे हाईकोर्ट की दखल के बाद MSRTC की हड़ताल खत्म
Source : News Nation Bureau