नेपाल (Nepal) के बीरगंज में काम करने वाले 352 प्रवासी भारतीय मजदूरों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है, जो बिहार (Bihar) के विभिन्न जिलों के रहने वाले हैं. इन लोगों को वीरगंज महानगरपालिका के ठाकुर राम बहुमुखी कॉलेज के छात्रावास के एक ही कमरे में रखा गया है. इसके अलावा भी हजारों बिहारी मजदूर अभी भी नेपाल में फंसे हैं. बता दें कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने अगले आदेश तक भारत-नेपाल सीमा पर सभी प्रवासी चेक पोस्ट से यात्रियों की आवाजाही को निलंबित किया है.
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बताते चलें कि नेपाल कोरोना की चपेट में बुरी तरह से फंस चुका है. सूत्रों की मानें तो नेपाल में ईलाज और जांच की कोई व्यवस्था अभी तक सरकार नहीं कर पाई है. मौत का आंकड़ा भी जनता तक नहीं पहुंचाया जा रहा है. हालांकि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की रोकथाम के लिए नेपाल में 7अप्रैल तक लॉकडाउन किया गया है. बीरगंज नेपाल की आर्थिक नगरी मानी जाती है. नेपाल में काम करने गए मजदूर कोरोना संक्रमण और नेपाल में हुए लॉकडाउन की स्थिति में पैदल लौट रहे थे. इसी क्रम में 352 मजदूर बीरगंज पहुंचे, जहां इन तमाम लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
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मोतिहारी के स्थानीय लोगों का कहना है कि स्थिति काबू से बाहर है. ऐसी परिस्थिति में बिहार के विभिन्न जिलों के 352 मजदूरों को एक ही कमरे में कैद कर दिया गया है और कल रात से उनके खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है. उन्होंने मांग की है कि बिहार सरकार और केंद्र सरकार को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और इन 352 मजदूरों की मदद करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसे हजारों की संख्या में मजदूर अभी भी नेपाल के कई शहरो में है और घर वापसी के लिए तड़प रहे हैं.
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