उत्तराखंड में योग आयुर्वेद एवं स्वास्थ्य शिक्षा को इंटरमीडिएट स्तर तक अतिरिक्त एवं अनिवार्य विषय के रूप में शामिल करने का शासनादेश जारी हो गया है। जिसके पश्चात योग प्रशिक्षकों ने खुशी जाहिर की है।
दरअसल, 2005 से स्कूलों में योग शिक्षा प्रारंभ करने की मांग योग प्रशिक्षित कर रहे थे। इस फैसले से बड़ी संख्या में बेरोजगार शिक्षकों को रोजगार मिलने की उम्मीद जगी है। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का आभार जताते हुए योग प्रशिक्षित सोसाइटी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश भट्ट का कहना है कि मंत्री धन सिंह रावत द्वारा शिक्षा मंत्री बनते ही योग को वेलनेस सेंटरों में प्रारंभ किया गया। अब योग आयुर्वेद एवं स्वास्थ्य शिक्षा को इंटरमीडिएट स्तर तक प्रारंभ कर दिया गया है। यह योग्य शिक्षकों के आंदोलन की बहुत बड़ी जीत है।
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Source : IANS