पिथौरागढ़ में बीते मंगलवार को बारिश ने कहर बरपाया था। यहां बादल फटने से जनजीवन इस तरह अस्त-व्यस्त हुआ कि अभी तक स्थिति सामान्य नहीं हुई है। जिस तरह से प्रदेश में मौसम विभाग ने अगले 3 दिनों के लिए अलर्ट जारी किया है। उससे ये कहना गलत नहीं है कि अगले 3 दिन भी पिथौरागढ़ के लिए खतरे से कम नहीं है।
इतना ही नहीं सड़क ध्वस्त होने से कालापानी से लिपुलेख तक वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। जिस स्थान पर पुल मलबे में दबा है, वह कालापानी मंदिर से नीचे एक किलोमीटर दूर गुंजी की ओर है। उत्तराखंड में भारी बारिश के अलर्ट के बीच पिथौरागढ़ में मंगलवार देर रात बादल फट गया। इस दौरान गुंजी- कालापानी को जोड़ने वाला बैली ब्रिज मलबे में दब गई है, जबकि, सड़क कई स्थानों पर ध्वस्त हो गई।
बृजेश होतियाल ने बताया कि मंगलवार की रात बादल फटने के कारण नाग पर्वत से निकलने वाले नचेती नाले का पानी एकाएक बढ़ गया। जिसके चलते पानी के साथ भारी मात्रा में मलबा भी आ गया। सड़क ध्वस्त होने से कालापानी से लिपुलेख तक वाहनों की आवाजाही बंद हो गई है। घटना की सूचना मिलने पर बीआरओ की 65 आरसीसी यूनिट के अधिकारी, सेना, आईटीबीपी और एसएसबी के अधिकारी भी मौके में पहुंचे हैं। बीआरओ के अधिकारियों ने प्रशासन को घटना की सूचना दे दी है।
उत्तराखंड में गुरुवार को भी मौसम बिगड़ा हुआ रहा। राजधानी देहरादून समेत कई पहाड़ी इलाकों में सुबह की शुरुआत बारिश के साथ हुई। वहीं, मौसम विभाग ने उत्तराखंड के सभी जिलों में बुधवार और गुरुवार को भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया। जबकि, 21 जुलाई को प्रदेशभर में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर और देहरादून में कहीं-कहीं तेज गर्जना और बिजली चमकने के साथ भारी बारिश की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि 19 से 21 जुलाई तक प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन होने से सड़क और राजमार्ग अवरूद्ध हो सकते हैं।
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Source : IANS