कारोबारियों को मोदी सरकार ने दी बड़ी राहत, 40 लाख से कम टर्नओवर पर नहीं लगेगा GST

फ़ैसले के मुताबिक अब 20 लाख़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों को जीएसटी के दायरे से मुक्त कर दिया गया है. नए फ़ैसले के मुताबिक अब 40 लाख़ टर्नओवर वाले व्यापारी ही जीएसटी के दायरे में आएंगे.

फ़ैसले के मुताबिक अब 20 लाख़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों को जीएसटी के दायरे से मुक्त कर दिया गया है. नए फ़ैसले के मुताबिक अब 40 लाख़ टर्नओवर वाले व्यापारी ही जीएसटी के दायरे में आएंगे.

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Deepak Kumar
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कारोबारियों को मोदी सरकार ने दी बड़ी राहत, 40 लाख से कम टर्नओवर पर नहीं लगेगा GST

अरुण जेटली, वित्त मंत्री (एएनआई)

वित्त मंत्री अरुण जेटली की अगुवाई में GST (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) काउंसिल की 32 वीं बैठक की समाप्ति से पहले एक बड़ा फ़ैसला लिया गया है. इस फ़ैसले के मुताबिक अब 20 लाख़ तक के टर्नओवर वाले व्यापारियों को जीएसटी के दायरे से मुक्त कर दिया गया है. नए फ़ैसले के मुताबिक अब 40 लाख़ टर्नओवर वाले व्यापारी ही जीएसटी के दायरे में आएंगे. इसके साथ ही केरल को दो साल के लिए जीएसटी के ऊपर एक फीसदी आपदा उपकर लगाने की अनुमति दे दी. अब तक 20 लाख रुपये से कम के कारोबार को जीएसटी में पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं थी. 

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जीएसटी परिषद की बैठक के बाद यहां फैसलों की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आगे किसी प्रकार की कर छूट की संभावना से इनकार किया और कहा कि 'छूट तभी दी जाएगी, जब राजस्व में इजाफा होगा.'

उन्होंने कहा कि जीएसटी की मूल संरचना के तहत पूरे भारत में 20 लाख रुपये तक के कारोबार को तथा उत्तर पूर्व के कुछ राज्यों और पहाड़ी इलाकों में 10 रुपये से कम के कारोबार को जीएसटी से छूट दी गई थी. 

जेटली ने कहा, "हमने दो स्लैब के साथ दो संरचना को बरकरार रखा है. इसके तहत 20 लाख रुपये की सीमा को दोगुना बढ़ाकर 40 लाख कर दिया गया, जबकि छोटे राज्यों के लिए 10 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया."

यहां तक कि इस फैसले से पहले ही जम्मू एवं कश्मीर और असम ने अपने कानूनों में परिवर्तन कर 10 लाख रुपये की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया था.

जेटली ने कहा कि जिन राज्यों के लिए नई सीमा 20 लाख रुपये तय की गई है, उन्हें इसे 'ज्यादा करने' का तथा जिन राज्यों के लिए सीमा 40 लाख रुपये तय की गई है, उन्हें इसे 'कम करने' का अधिकार होगा.

परिषद ने आपदा और प्राकृतिक आपदाओं के मामले में उपकर लगाने पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) की एक रिपोर्ट पर भी विचार किया. पिछले साल अगस्त में भयंकर बाढ़ की चपेट में आने के बाद केरल द्वारा उपकर लगाने की मांग की गई थी, जिसके बाद जीओएम का गठन किया गया था. 

जेटली ने कहा कि केरल अब दो साल की अधिकतम अवधि के लिए 1 फीसदी का अधिकतम उपकर लगाने का हकदार है. जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद प्राकृतिक आपदाओं के मामले में कुछ राज्यों को उपकर लगाने की अनुमति दे सकती है.

जीएसटी कंपोजिशन स्कीम : 2019-20 से सीमा बढ़कर 1.5 करोड़ रुपये

सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एमएसएमई) क्षेत्र को राहत पहुंचाते हुए जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद ने गुरुवार को जीएसटी कंपोजिशन स्कीम की सीमा 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दिया है, जो 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष 2019-20 से लागू होगा. 

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी परिषद की 32वीं बैठक की अध्यक्षता करने के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, "हमने कंपोजिशन स्कीम की सीमा बढ़ाकर 1.5 करोड़ रुपये कर दी है. यह फैसला 1 अप्रैल 2019 से लागू होगा."

कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुनने वालों को न्यूनतम 1 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है. 

जेटली ने कहा कि अनुपालन के बोझ को आसान बनाने के लिए फैसला किया गया है कि जिन लोगों ने इसे चुना है, उन्हें साल में केवल एक बार र्टिन दाखिल करना होगा, जबकि कर का भुगतान उन्हें पहले की तरह तिमाही आधार पर करना होगा. यह सुविधा भी 1 अप्रैल से ही शुरू होगी. 

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जेटली ने कहा कि तीसरे फैसले में जीएसटी परिषद ने छोटे सेवा प्रदाताओं जो वस्तु और सेवाएं दोनों प्रदान करते हैं और उनका कारोबार 50 लाख रुपये से कम है, उन्हें कंपोजिशन स्कीम के लिए पात्र माना है. इससे उन्हें 6 फीसदी जीएसटी क लाभ मिलेगा.

Source : News Nation Bureau

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