किस वजह से लापता होना चाहते थे अभिषेक बच्चन अब हुआ रिवील, एक्टर ने नई पोस्ट में खोला राज
सिकल सेल बीमारी का पता लगाने के लिए 5.72 करोड़ लोगों की हुई स्क्रीनिंग: स्वास्थ्य मंत्रालय
भाषा विवाद मामला: कमल हासन को सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत, कर्नाटक में रिलीज होगी ‘ठग लाइफ’
इन 5 भारतीयों ने इंग्लैंड में हमेशा किया मैच विनिंग प्रदर्शन, एक तो अभी भी टीम इंडिया का है हिस्सा
वेस्टइंडीज की दो महिला खिलाड़ियों पर आईसीसी ने लगाया जुर्माना
राजा रघुवंशी हत्याकांड : इंदौर के क्राइम ब्रांच ऑफिस में सोनम के भाई गोविंद को शिलांग पुलिस ने बुलाया
ट्रंप के व्‍यवहार से लगता है वह मानसिक रूप से स्थिर नहीं : मनोज कुमार झा
एक्सचेंज बिल्डिंग पर ईरानी मिसाइल हमले के बाद भी इजरायल का शेयर बाजार 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर पर
आंध्र प्रदेश: मंत्री नारा लोकेश ने ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर से की मुलाकात, कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर हुई चर्चा

Odisha Voting: नक्सलियों के गढ़ में लोकतंत्र की नई तस्वीर, बनाए गए 30 पोलिंग स्टेशन

पिछले 1.5 सालो में वहां कोई भी हिंसा की घटना देखने को नहीं मिला है.

पिछले 1.5 सालो में वहां कोई भी हिंसा की घटना देखने को नहीं मिला है.

author-image
Vikash Gupta
New Update
Odisha Voting

Odisha Voting ( Photo Credit : Social Media)

Odisha Voting: देश भर में लोकसभा और 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव की तैयारी पूरे जोरों से चल रही है. इन 4 राज्य के विधानसभा चुनाव में ओडिशा का नाम भी शामिल है. राज्य के नक्सल प्रभावित होने की वजह से चुनाव आयोग को इलेक्शन करवाने एक बड़ी चुनौती होती है. लेकिन नक्सलियों के गढ़ से एसी खबर सामने आ रही है जो लोकतंत्र में विश्वास करने वालों के लिए ऐसी तस्वीर सामने आ रही है जो सुकून देने वाला है. ओडिशा पुलिस का कहना है कि 30 वोटिंग सेंटर ऐसे है जो नक्सलियों के गढ़ में है. आपको बता दें कि ये चुनाव विधानसभा के लिए बनाया गया है.

Advertisment

ओडिशा के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने सोमवार को कहा कि भारत का चुनाव आयोग ओडिशा के स्वाभिमान आंचल में नौ ग्राम पंचायतों के गांवों में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए लगभग 30 मतदान केंद्र स्थापित करेगा, जिसे कुछ साल पहले तक माओवादियों का गढ़ माना जाता था. ओडिशा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अरुण सारंगी ने कहा कि 2019 में माओवादी हमलों से बचाने के लिए क्षेत्र में मतदान केंद्र सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के शिविरों के पास स्थित थे. इसने बूथों को सुरक्षित रखा लेकिन लोगों को आगे आने से रोका अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए.

12 बूथों पर जीरो वोटिंग

2019 में, स्वाभिमान आंचल के कम से कम 12 बूथों पर शून्य मतदान हुआ, क्योंकि माओवादियों ने चुनाव का बहिष्कार करने के उनके आह्वान का उल्लंघन करने वाले मतदाताओं के हाथ काटने की धमकी दी थी. 2000, 2004 और 2009 में भी कोई नहीं आया था. 2014 में माओवादियों ने एक मतदान केंद्र पर कब्ज़ा कर लिया, जिससे चुनाव आयोग को पुनर्मतदान का आदेश देना पड़ा. लेकिन पुनर्मतदान के दौरान कोई नहीं आया.

मलकानगिरी में कोई हिंसा की रिपोर्ट की नहीं

इस साल सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए सोमवार को मलकानगिरी जिले की यात्रा करने वाले सारंगी ने कहा: “पिछले डेढ़ साल से, मलकानगिरी में माओवादी हिंसा की कोई रिपोर्ट नहीं है और आंध्र-ओडिशा सीमा पर माओवादियों की कोई हलचल नहीं है. . इसलिए नक्सली स्थिति को ध्यान में रखते हुए हमने तय किया है कि बूथ गांवों में होंगे. एसपी (पुलिस अधीक्षक, जिला पुलिस प्रमुख) ने हमें उनकी तैयारियों, निवारक कदमों और प्रवर्तन गतिविधियों के बारे में बताया. सारंगी ने कहा, हमने बलों की आवश्यकता और इसे कैसे पूरा किया जा सकता है, इस पर विस्तृत चर्चा की.

Source : News Nation Bureau

चुनाव आयोग Odisha Voting
      
Advertisment